नयी दिल्ली : उज्जैन ट्रेन धमाके में कथित शामिल आइएस से प्रेरित एक आतंकी मॉड्यूल ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखनऊ में हुई रैली में विस्फोट करने की कोशिश की थी, जो असफल रही. मोहम्मद दानिश और आतिफ मुजफ्फर ने पूछताछ में बताया कि हमलोग अपने दोस्तों साथ लखनऊ के रामलीला मैदान में बम लगाने की साजिश रची थी, जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अक्तूबर को एक रैली को संबोधित करनेवाले थे. यह दोनों फिलहाल एनआइए की हिरासत में हैं.
दानिश ने कहा कि आतंकी समूह के स्वयंभू आमिर (प्रमुख) आतिफ मुजफ्फर ने स्टील के पाइपों और बल्बों की मदद से एक बम भी तैयार किया, जिसमें खुद उसने मदद दी. आरोपी ने दावा किया कि आतिफ ने साइकिल की एक दुकान से लौहे के छर्रे के दौ पैकेट खरीदे थे. आतिफ ने भी दानिश के इस बयान की पुष्टि की है. मध्य प्रदेश के उज्जैन में रेलवे पटरी पर सात मार्च को हुए विस्फोट के बाद एनआइए ने आतिफ समेत अन्य छह लोगों को गिरफ्तार किया था.
वायुसेना के रिडायर्ड कर्मी को दिया था बम
आतिफ ने कहा कि उसने वह बम भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त कर्मी जीएम खान को दे दिया था. खान इस बम को अपनी बाइक पर लेकर लखनऊ तक ले गया. गत 11 अक्तूबर को वह और समूह के अन्य सदस्य लखनऊ पहुंचे, वहां उन्होंने नया सिम कार्ड खरीदा और खान से संपर्क किया, ताकि उस स्थान पर या उसके आसपास कहीं बम लगाया जा सके. दानिश के मुताबिक, दशहरे की रात से पहले आतिफ ने बम तैयार कर लिया और उसका टाइमर शुरू कर दिया. वह बम रैली के स्थल के नजदीक कचरे के एक डिब्बे में रख दिया गया. आतिफ ने घटनास्थल पर जाकर बम के बारे में पता लगाने की कोशिश की, लेकिन वहां उसे महज कुछ तार ही मिले, जो देसी बम बनाने में इस्तेमाल किये गये थे.