मुंबई : बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब इसकी सत्ता पर काबिज होने को लेकर राजनीतिक दलों में रस्साकशी शुरू हो गयी है. इसकी सत्ता पर कौन कैसे काबिज होगा, यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय मीडिया में कयासों का बाजार गरम है. कोई शिवसेना के साथ कांग्रेस की सौदेबाजी को लेकर खबर प्रकाशित कर रहा है, तो कोई कुछ और कयास लगा रहा है. पढ़िये, इस मसले पर क्या कहती है मीडिया की रिपोर्ट…
अंदरखाने कर रही कांग्रेस से बात शिवसेना
बीएमसी में मेयर और डिप्टी मेयर के अहम पदों को लेकर हिंदी के प्रमुख समाचार चैनल आजतक की खबर के अनुसार, कांग्रेस और शिवसेना पार्टियां बीएमसी में गठबंधन को लेकर अंदरखाते बातचीत कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को दूत भेजकर कांग्रेस से मेयर पद के लिए समर्थन मांगा है. बदले में कांग्रेस को डिप्टी-मेयर की पोस्ट देने का वायदा किया गया है. बीएमसी मेयर का चुनाव नौ मार्च को होना है.
आजतक के अनुसार, अगर बीएमसी में कांग्रेस और शिवसेना साथ आते हैं, तो ये फड़णवीस सरकार के लिए भी खतरे की घंटी होगी. इसका कारण यह है कि शिवसेना भाजपा को कमजोर करने के लिए प्रदेश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है. अगर ऐसा हुआ, तो या तो मध्यावधि चुनाव होंगे या फिर बीजेपी को एनसीपी का साथ लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. एक रास्ता ये भी हो सकता है कि शिवसेना खुद बीएमसी की तरह राज्य में भी कांग्रेस और एनसीपी की मदद से सरकार बना ले.
डिप्टी मेयर के पद पर शिवसेना का कांग्रेस से वादा
हिंदी के समाचार पत्र दैनिक हिंदुस्तान सूत्रों के हवाले से लिखता है कि नौ मार्च को होने वाले मेयर के चुनाव में समर्थन के बदले में उसने कांग्रेस को डिप्टी मेयर का पद देने का वादा किया है. अगर समीकरण ऐसे बनते हैं, तो फिर राज्य सरकार में भाजपा और शिवसेना की दोस्ती पर खतरा मंडरा सकता है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने शिवसेना के प्रस्ताव पर विचार के लिए वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलायी है.
शिवसेना ने भाजपा को रेस से किया बाहर
हिंदी के अखबार जनसत्ता के अनुसार, बीएमसी चुनावों में पूर्ण बहुमत न मिलने के बाद शिवसेना ने भाजपा को इस रेस से बाहर करने के लिए पर्दे से पीछे से कांग्रेस से बातचीत शुरू कर दिया है. शीर्ष सूत्रों से पुष्टि की है कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से समर्थन मांगा है, ताकि शहर के मेयर पद पर शिवसेना का कब्जा हो सके. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना ने कांग्रेस को समर्थन के बदले डिप्टी मेयर का पद ऑफर किया है.
अधिकारियों के मुताबिक, 9 मार्च के मेयर का चुनाव होगा. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलायी है, जिसमें सेना के प्रोपोजल के बारे में बातचीत की जायेगी. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, नारायण राणे, मुंबई के कांग्रेस चीफ संजय निरुपम, सांसद हुसैन दलवई और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान और बालासाहेब थोराट शामिल होंगे.
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत
हिंदी का अखबार नवभारत टाइम्स लिखता है कि बीएमसी पर कब्जे के बहाने महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत दिख रहे हैं. बीएमसी में मेयर पद के चुनाव के लिए शिवसेना-बीजेपी के बीच बात न बनती देख कांग्रेस की भूमिका अहम हो गयी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना बीएमसी के लिए कांग्रेस के संपर्क में है. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना ने इसके लिए कांग्रेस को डिप्टी मेयर के पद का ऑफर किया है.
पुरानी दोस्ती में रोज पड़ रही नयी दरार
अमर उजाला के अनुसार, कभी दोस्त रही शिवसेना-भाजपा में रोज नयी दरारें पड़ती नजर आ रही हैं. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. शिवसेना ने सामना में भाजपा पर गुंडे आयात करने का आरोप लगाया है. सामना में लिखा है कि भाजपा ने बाहर से गुंडे आयात कर अपनी छवि गुंडा पार्टी वाली बना लिया है. गौरलतब है कि मुंबई बीएमसी चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा है और अभी मुंबई के मेयर का चुनाव होना बाकी है. बीएमसी चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. कुल मिलाकर बिना गठबंधन के मुंबई के मेयर का फैसला होना मुश्किल है.
ऐसे में शिवसेना का भाजपा पर लगातार हमले बोलना दिखा रहा है कि अब इन दोनों पार्टियों में ‘दोस्ती’ होना मुश्किल है. सामना की एक खबर में भाजपा पर आरोप है कि बीएमसी चुनाव में वॉर्ड नंबर 166 से पराजित भाजपा उम्मीदवार ने मनसे के जीते हुए उम्मीदवार संजय तुरडे पर जानलेवा हमला किया, जिसमें उन्हें और उनके साथियों को गंभीर चोटें आयी हैं। खबर में लिखा है कि ‘यह तो झांकी है, पूरी फिल्म अभी बाकी है’.
महाराष्ट्र में दो सरकारें, मगर दोनों अलग-अलग
बीबीसी के अनुसार, राज्य में दोनों सरकार में साथ हैं लेकिन निकाय चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन ‘नोटिस पीरियड’ पर है. लंबे समय से शिवसेना की ओर से गठबंधन तोड़ने की धमकी दी जा रही है. अगर धमकी वास्तविकता में परिवर्तित नहीं होती है, तो धमकी का असर कम होता चला जाता है.