शिलांग : यौन उत्पीडन के आरोपों का सामना कर रहे मेघालय के राज्यपाल वी षण्मुगनाथन ने बीती रात इस्तीफा दे दिया. दरअसल राजभवन के कर्मियों के एक समूह ने उन पर राज्यपाल के कार्यालय की गरिमा से ‘‘गंभीर समझौता’ करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग की थी जिसके बाद राज्यपाल ने इस्तीफा दिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 67 वर्षीय षण्मुगनाथन ने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा था कि वह षण्मुगनाथन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
यहां राजभवन के करीब 100 कर्मियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर राज्यपाल को हटाने और राजभवन की गरिमा बहाल करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की थी. कर्मियों ने आरोप लगाया था कि षण्मुगनाथन ने राजभवन की गरिमा से ‘‘गंभीर समझौता’ किया है और उन्होंने इसे ‘‘युवतियों का क्लब’ बना दिया है. उन्होंने कहा था, ‘‘यह एक ऐसा स्थान बन गया है जहां राज्यपाल के प्रत्यक्ष आदेश से युवतियां अपनी मर्जी से आती-जाती हैं. कई की पहुंच सीधे उनके शयन कक्ष तक है.’
मई 2015 में मेघालय के राज्यपाल के रुप में शपथ लेने वाले षण्मुगनाथन ने गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया था. ज्योति प्रसाद राजखोवा को हटाए जाने के बाद पिछले साल नवंबर में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. इस बीच महिला कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को हटाने की मांग करते हुए यहां हस्ताक्षर अभियान शुरूकिया था.
नौकरी पाने की प्रत्याशी एक महिला ने भी राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वह जब राजभवन में साक्षात्कार देने आई थी तो राज्यपाल ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया था.