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क्या दागी लड़ सकेंगे चुनाव ? सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ करेगी निर्णय

नयी दिल्ली : पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि गंभीर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाये या नहीं और सुनवाई के किस चरण में किसी चुने गये प्रतिनिधि को अयोग्य घोषित किया जाये, जैसे सवालों पर निर्णय के […]

नयी दिल्ली : पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि गंभीर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाये या नहीं और सुनवाई के किस चरण में किसी चुने गये प्रतिनिधि को अयोग्य घोषित किया जाये, जैसे सवालों पर निर्णय के लिए वह जल्द ही पांच न्यायाधीशों की एक पीठ गठित करेगा.

प्रधान न्यायाधीश जीएस खेहड की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हमें इस मामले को स्पष्ट करना होगा ताकि अगले चुनाव तक लोग नियमों को जान सकें.’ इसको लेकर दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ऐसे मुद्दों पर जल्द-से-जल्द फैसला करने की आवश्यकता है क्योंकि कई ‘शातिर अपराधी’, जिनके खिलाफ गंभीर मामलों में आरोप तय किये गये हैं, आगामी चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं. न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम इन मुद्दों पर निर्णय के लिए जल्द ही एक संविधान पीठ का गठन करेंगे.’ वकील और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इस मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका का उल्लेख किया.

उम्मीदवार और उनके परिवार की आय के स्रोत का खुलासा करना अनिवार्य हो

चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उम्मीदवारों के लिए यह अनिवार्य बनाया जाना चाहिए कि वे नामांकन पत्र भरते समय अपने साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों की आय के स्रोत का खुलासा करें ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लायी जा सके. चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में भी संशोधन की मांग की ताकि किसी उम्मीदवार को न सिर्फ तब अयोग्य ठहराया जा सके जब उसका सरकार के साथ अनुबंध चल रहा हो, बल्कि तब भी अयोग्य ठहराया जा सके जब उसके परिवार के किसी सदस्य का भी इसी तरह का वित्तीय समझौता हो. उच्चतम न्यायालय केे समक्ष दायर हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरुरी है कि मतदाताओं को उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों की आय के स्रोत का पता चले. मौजूदा कानून के तहत किसी उम्मीदवार को अपना, अपनी पत्नी और तीन आश्रितों की संपत्तियों और देनदारियों का नामांकन पत्र भरने के दौरान फार्म 26 में खुलासा करना होता है, लेकिन आय के स्रोत का खुलासा नहीं करना होता है.

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