नयी दिल्ली: सीमांध्र के लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए सरकार ने आज कहा कि किसी एक क्षेत्र की कीमत पर आंध्र प्रदेश का विभाजन करने की उसकी मंशा नहीं है तथा शेष बचे राज्य की समग्र समृद्धि के लिए सभी जरुरी उपाय किये जायेंगे.
राज्यसभा में हंगामे के बीच आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को चर्चा के लिए रखते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन का फैसला सरल नहीं था. यह निर्णय व्यापक विचार विमर्श तथा सभी कारकों को ध्यान में रखकर किया गया.उन्होंने विधेयक के बारे में सदन के पटल पर रखे अपने बयान में कहा, ‘‘यह हमारी मंशा नहीं थी कि एक क्षेत्र या मौजूदा राज्य की कीमत पर विभाजन किया जाये.’’
शिंदे ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद बनने वाले राज्य की अर्थव्यवस्था विकसित होती रहे..केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद बनने वाले राज्यो में रायलसीमा एवं उत्तर तटीय जिलों के लिए एक विशेष विकास पैकेज प्रदान करेगा.’’ तेलंगाना विधेयक में केंद्र सरकार ने इस बात की दृढ़ प्रतिबद्धता जतायी है कि पोलावरम परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के तहत क्रियान्वित किया जायेगा. इसके लिए सभी जरुरी मंजूरियां ली जायेंगी तथा पूरी तरह से पुनर्वास सुनिश्चित किया जायेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं वही बात दोहराना चाहता हूं जो मैंने लोकसभा में कही थी कि सीमांध्र को एक विशेष पैकेज दिया जायेगा. मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि योजना आयोग में उपाध्यक्ष की अगुवाई में एक विशेष प्रकोष्ठ गठित किया जायेगा जो आंध्र प्रदेश को विभाजित कर बनने वाले राज्य की विकास जरुरतों पर समग्रता से ध्यान देगा. साथ ही उन्हें पूरा करने के लिए पर्याप्त वित्त पोषण भी सुनिश्चित किया जायेगा. ’’