नयी दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने नोटबंदी के मामले में चल रही सुनवाई के दौरान आज कुछ वकीलों के दूसरे पर चीखने-चिल्लाने की कोशिश करने को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि ‘मैं अपने साथ किस तरह की यादें लेकर जाउंगा. ‘ सरकार की तरफ से एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी जब पक्ष रख रहे थे, उसी वक्त कुछ वकील उनकी दलील को बाधित करने के लिए बोल उठे. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने नाराजगी जतायी.
अदालत में कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम सरीखे वकील भी थे. न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, ‘‘दलील पेश करने का यह तरीका नहीं है. आप लोग इसे मछली बाजार बना रहे है. आप लोग नहीं चाहते कि कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ वकील बोलें. देखिए, श्री चिदंबरम अब तक नहीं खड़े हुए.
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यायाधीश के तौर पर 23 वर्षों के अपनी सेवा में मैंने ऐसे व्यवहार नहीं देखे. न्यायाधीश के तौर पर मेरा यह आखिरी सप्ताह और मैं भारी मन से जाऊंगा. आप लोग किस तरह का माहौल बना रहे हैं?’ प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंंद्रचूड़ भी शामिल थे