नयी दिल्लीः लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए किया जा प्रचार का खर्चा उम्मीदवार के खाते में भी जोड़ा जा सकता है.राजस्थान निर्वाचन विभाग के अनुसार सोशल मीडिया में विकीपीडिया, ट्विटर, यू ट्यूब, फेसबुक और इसी तरह की अन्य इंटरनेट साइटों के अलावा एप्स को भी इस श्रेणी रखा गया है. ऐसी सामग्री जिसे अपलोड करने पर एक निश्चित लागत आती है, उसे चुनाव के खर्चे में शामिल किया जाएगा.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अशोक जैन ने आज कहा कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक पंजीकृत राष्ट्रीय और राज्य स्तर की राजनीतिक पार्टियों और अभ्यर्थियों द्वारा जारी किए किसी भी तरह के विज्ञापन को किसी भी तरह के सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से पहले एमसीएमएसी (मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) द्वारा प्रमाणित और सत्यापित करवाना होगा.