जम्मू : पाकिस्तान की ओर से हुई भारी गोलीबारी में घायल हुए बीएसएफ के एक हेड कांस्टेबल ने जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में आज दम तोड़ दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की ओर से कल रात हुई गोलेबारी में राय सिंह (40) घायल हो गये थे. इस दौरान बीएसएफ के तीन अन्य जवान भी घायल हुए थे. अन्य बीएसएफ जवानों की हालत गंभीर है. बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, ‘राजौरी इलाके में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की ओर से कल रात हुई भारी गोलेबारी में बीएसएफ के चार जवान घायल हो गये थे. गंभीर रूप से घायल हुए हेड कांस्टेबल राय सिंह ने आज दम तोड़ दिया. अन्य जवानों की हालत गंभीर है.’
In pic: BSF head constable Rai Singh who lost his life in heavy shelling by Pakistan in Rajouri district of Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/krnwIOEGy4
— ANI (@ANI) November 21, 2016
उन्होंने कहा कि हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और मां है. सेना एवं बीएसएफ पाकिस्तान की ओर से हुए संघर्षविराम उल्लंघनों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं और ताजा रिपोर्ट आने तक मुठभेड़ जारी थी. इस संघर्षविराम उल्लंघन से पहले भी पाकिस्तानी सैनिकों ने इससे एक दिन पहले नौशेरा और सुंदरबनी सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों एवं असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे थे और छोटे हथियारों से गोलीबारी की थी जिसमें बीएसएफ का एक जवान और एक महिला घायल हो गये थे तथा दो मकान क्षतिग्रस्त हो गये थे.
पाकिस्तानी सेना ने गत शनिवार सुबह नौशेरा सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया था और उन्होंने दोपहर में भारतीय चौकियों एवं असैन्य इलाकों को निशाना बनाकर सुंदरबनी सेक्टर में गोलीबारी कर थी. पाकिस्तानी सेना ने गत गुरुवार को जम्मू जिले के पल्लनवाला सेक्टर से लगे गांवों एवं भारतीय चौकियों को निशाना बनाया था. उन्होंने मंगलवार को भी राजौरी में नियंत्रण रेखा के पास चार घंटे तक भारी गोलीबारी एवं गोलाबारी करके भारतीय चौकियों को निशाना बनाया था जिसके बाद भारतीय बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.
पाकिस्तानी बलों ने जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा के पास गोलीबारी एवं गोलाबारी करके संघर्षविराम उल्लंघन की 290 से अधिक घटनाओं को अंजाम दिया है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 29 सितंबर को आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर किये गए लक्षित हमले के बाद से हुई इस प्रकार की घटनाओं में 14 सुरक्षा जवानों समेत 26 लोगों की मौत हुई है.