भोपाल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के प्रवक्ता राम माधव ने आज यहां कहा कि किसी भी तरह से कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता. आरएसएस प्रवक्ता ने संवाददाताओं से अनौपचारिक रुप से बातचीत में कहा, ‘‘एक हिंदू को आतंकवादी कहना अपने आप में एक बहुत बड़ा विरोधाभास है और यह इसलिए कहा जाता है, ताकि संघ :आरएसएस: की छबि खराब की जाए.’’
माघव ने कहा, ‘‘2008 से कुछ हिंदुओं को आतंकवाद से जुडे हुए पांच मामलों में गिरफ्तार किया गया है. लेकिन इनमें से किसी भी मामले में अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है, जिसके कारण गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत नहीं मिल रही है.’’ जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उनकी नजर में आरएसएस एक सफल संस्था है, तो उन्होंने कहा कि यह :आरएसएस: देश की एकता के लिए काम कर रही है और जब तक इसे प्राप्त नहीं किया जाता, तब तक इसका काम अधूरा ही रहेगा.
आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि 1966 में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश गजेन्द्र गडकर और 1994 में एक अन्य उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे एस वर्मा ने हिंदुत्व के बारे में बहुत विस्तार और लंबे निर्णयों में कहा था कि यह जीवन का एक तरीका है.माधव ने बताया कि यह मामला मार्च में उच्चतम न्यायालय के सात सदस्यीय पीठ के सामने फिर से आने की संभावना है और वह :सात सदस्यीय पीठ: भी हिंदुत्व के बारे में चर्चा करेगी. उन्होंने दावा किया कि गडकर और वर्मा के निर्णय इतने विस्तृत थे कि यह संभव है कि उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ के पास हिंदुत्व के बारे में कहने के लिए और नया कुछ भी न रह जाये.