सूरत : सूरत पुलिस ने यहां की एक विशेष अदालत में नारायण साईं और आठ अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाते हुए एक आरोपपत्र दाखिल किया है.अपने खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को कमजोर करने के लिए पुलिस और न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की कथित साजिश रचने को लेकर यह आरोप लगाए गए हैं. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आईसी शाह की अदालत में आज आरोपपत्र दाखिल किया गया. पुलिस ने नौ लोगों को नामजद किया है, जिनमें साईं और उप निरीक्षक सीके कुम्भानी भी आरोपी बनाए गए हैं.
इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 8, 9, 11, 12 और 13 के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस मामले में आरोपी बनाए गए अन्य लोगों में साईं के अनुयायी उदय संघानी, भवन निर्माता केतन पटेल और अन्य शामिल हैं.
पुलिस ने तीन और लोगों को नामजद किया है, जो फरार हैं लेकिन आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर उनकी पहचान नहीं की है. आसाराम के 42 वर्षीय बेटे नारायण साईं को सूरत की दो बहनों में से एक का बार बार यौन शोषण करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. यह लड़की उसके यहां स्थित आश्रम में 2002 और 2005 के बीच रही थी.
साई की रिमांड की अवधि के दौरान शहर की अपराध शाखा ने पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना का खुलासा किया था.
पुलिस ने कुम्भानी सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया था और विभिन्न लोगों के पास से 5 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे. नारायण साई को दिल्ली हरियाणा सीमा पर दिसंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था.