नयी दिल्लीः अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी द्वारा अगले हफ्ते सार्वजनिक स्थल पर जनलोकपाल विधेयक पारित करवाने में नयी अड़चनें आ गई हैं. सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरण ने कहा कि ऎसा करने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी है. वहीं सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस ने अपना विरोध बढ़ा दिया है.
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब गंज ने सॉलिसिटर जनरल से राय मांगी थी की आप सरकार द्वारा बिना केद्र की मंजूरी के दिल्ली लोकपाल को कानूनी अमली जामा पहनाना संवैधानिक है या नहीं. सॉलिसिटर जनरल ने गुरुवार को कहा कि बिना अनुमति के विधेयक को विधानसभा में पारित करना असंवैधानिक होगा.
परासरण ने उप-राज्यपाल से कहा है कि बिना मंजूरी के बिल पारित करना गैरकानूनी होगा. समझा जाता है कि सॉलिसिटर जनरल ने उप-राज्यपाल को बताया कि संसद द्वारा पिछले साल पारित लोकपाल और लोकायुक्त बिल प्रभाव में है और दिल्ली में एक लोकपाल बिल केंद्रीय कानून के असंगत होगा. इसलिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होगी.
इस बीच कांग्रेस ने फैसला किया कि वह बिल को पेश किए जाने के स्तर पर ही इसका विरोध करेगी. कांग्रेस के समर्थन के बिना आप सरकार चल नहीं सकती. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने सरकार की योजना को असंवैधानिक करार देते हुए उपराज्यपाल से मिलने का फैसला किया है और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि सरकार पर इस दिशा में नहीं बढ़ने के लिए दबाव बनाएं.