नयी दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर आज समझौता हो गया. इस समझौते पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यीव्स ली द्रियान की मौजूदगी में नयी दिल्ली में हस्ताक्षर किये गये. ये विमान अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र और हथियार प्रणाली से लैस होंगे.
#WATCH Deal for 36 #Rafale fighter jets between India and France signed; deal is worth 7.8 billion euros. pic.twitter.com/3SeWCcRRQe
— ANI (@ANI) September 23, 2016
श्री ड्रायन कल ही नयी दिल्ली पहुंचे. सात अरब 87 करोड़ यूरो का यह समझौता भारतीय वायुसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इससे हवाई क्षेत्र में भारत की शक्ति काफी बढ़ जाएगी. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एनडीए सरकार को इस समझौते के लिए, यूपीए सरकार के समय में तय राशि से लगभग 75 करोड़ यूरो का कम भुगतान करना होगा. राफेल विमान तीन वर्ष बाद मिलने शुरू होंगे और समझौते पर हस्ताक्षर होने की तारीख से साढ़े पांच वर्ष के भीतर सभी 36 विमान मिल जाएंगे.
राफेल से जुड़ी बातें
राफेल की टॉप स्पीड 2,130 किमी प्रति घंटा है. यही वजह है कि इसका नाम राफेल रखा गया क्योंकि फ्रेंच में राफेल का मतलब होता है हवाओं का झौंका. डस्सॉल्ट एविशन की मानें तो राफेल हवा से हवा और हवा से मैदान में मार कर सकता है. राफेल में ओमनीरोल क्षमता है, डस्सॉल्ट एविएशन की मानें तो यह एयरक्राफ्ट एक समय में कई एक्शन कर सकता है जैसे हवा से हवा में मिसाइल से आक्रमण और फायरिंग. इसकी रेंज 3,700 किमी है और यह 6 हवा से हवा में आक्रमण करने वाली मिसाइल भी ले जा सकता है. इसमें 5 हार्डप्वाइंट्स हैं जो 1200 किलोग्राम से ज्यादा का भार उठा सकते हैं.
सालों से अटका पड़ा था सौदा
इस सौदे के लिए बातचीत 1999-2000 में शुरू हुई थी, लेकिन सौदा किसी न किसी वजह से अटका हुआ था. सूत्रों के मुताबिक इस लड़ाकू विमान की खरीज पर यूपीए सरकार के समय की कीमत से करीब 560 करोड़ बचा रही है.