नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय सत्ता से जुडे सबसे महत्वपूर्ण मार्ग रेसकोर्स रोड का नाम अब लोक कल्याण मार्ग होगा. इसी मार्ग पर प्रधानमंत्री का आवास स्थित है. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय किया गया.
सड़क के फिर से नाम रखने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी. एनडीएमसी ने गुरुद्वारा रकाबगंज गोलचक्कर का नाम बदलने का भी निर्णय किया. विभिन्न सिख संगठनों द्वारा दिये गये ज्ञापन के आधार पर इस गोल चक्कर का नाम गुरु गोविन्द सिंह चौक रखा जाएगा. भाजपा सांसद एवं एनडीएमसी परिषद की सदस्य मीनाक्षी लेखी ने रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर एकात्मक मार्ग रखने का प्रस्ताव दिया था जो पार्टी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा है. किन्तु बैठक में इसे स्वीकार नहीं किया गया. बैठक में केजरीवाल ने रेसकोर्स रोड का नाम गुरु गोविन्द सिंह पर रखने का प्रस्ताव किया किन्तु कुछ लोग इससे संतुष्ट नहीं हुए.
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैंने सड़क का नाम गुरु गोविन्द सिंह पर रखने को कहा जबकि लेखी ने कहा कि इसका नाम एकात्म मार्ग होना चाहिए. मैंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री से विचार विमर्श करना चाहिए किन्तु परिषद सदस्यों ने जनता से मिले सुझावों के आधार पर तय किया कि इसका नाम लोक कल्याण मार्ग हो.’ अधिसूचना जारी होने के बाद प्रधानमंत्री के प्रसिद्ध आवास का पता सात रेसकोड की जगह सात लोक कल्याण मार्ग हो जाएगा.
आप सांसद सुरिंदर सिंह ने नाम एकात्म मार्ग रखने के लेखी के प्रस्ताव का विरोध किया. एनडीएमसी के अध्यक्ष नरेश कुमार ने कहा कि सडक का नाम बदलकर लोक कल्याण करने का निर्णय सर्वसम्मति से किया गया. पिछले साल औरंगजेब रोड का नाम बंदलकर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया था. हालांकि कई इतिहासकारों ने उस निर्णय की आलोचना की थी.
* भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा
ज्ञात हो भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सबसे पहले 7 आरसीआर का नाम बदलने की कवायद शुरू की थी. उन्होंने इसकी जगह एकात्म मार्ग करने का प्रस्ताव एनडीएमसी के पास भेजा था. उनका मानना था कि 7 आरसीआर भारतीय संस्कृति से मेल नहीं खाता है.