नयी दिल्ली : सीबीआई ने कानून मंत्रलय को इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में अतिरिक्त दस्तावेज और नए हलफनामे सौंप दिए हैं. सीबीआई से राय मांगी गई थी कि इशरत जहां मामले में क्या खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों पर अभियोजन चलाने की आवश्यकता है.
सीबीआई के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय की तरफ से मांगे गए नए दस्तावेज सौंप दिए गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि फर्जी मुठभेड़ मामले में आईबी के चार अधिकारियों पर अभियोजन के लिए क्या गृह मंत्रालय से मंजूरी लेने की जरुरत है अथवा नहीं. बहरहाल सूत्रों ने स्पष्ट किया कि उनके पूरक आरोपपत्र लगभग तैयार हैं और कानून मंत्रालय ने अगर समय पर सलाह नहीं दी तो सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर करने की कार्यवाही पर विचार किया जा सकता है.
सरकार के कानूनी प्रकोष्ठ ने सीबीआई से कहा था कि विशेष निदेशक राजिंदर कुमार :अब सेवानिवृत्त: और उनके तीन अधिकारियों पी. मित्तल, एम. के. सिन्हा और राजीव वानखेडे पर अभियोजन चलाने के लिए पूर्व मंजूरी की आवश्यकता है अथवा नहीं इस पर कानूनी राय देने से पहले वह पर्याप्त दस्तावेज मुहैया कराए. सीबीआई ने हाल में कानून मंत्रालय से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के माध्यम से संपर्क किया और इस मुद्दे पर राय मांगी थी. समझा जाता है कि मंत्रालय ने जब दस्तावेज मांगे तो सीबीआई ने सूचित किया कि वह अटॉर्नी जनरल के साथ दस्तावेजों को साझा करेगी लेकिन प्रतियां मुहैया नहीं कराई क्योंकि ये संवेदनशील प्रकृति की थीं.