श्रीनगर : आंतकियों ने उत्तरी कश्मीर के उरी में स्थित सेना के बटालियन मुख्यालय पर रविवार सुबह हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए.सीमापार से करीब 200 आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं जबकि कुछ पहले ही घाटी में घुस चुके हैं तथा नियंत्रण रेखा पर मुठभेडों की संख्या बढ […]
श्रीनगर : आंतकियों ने उत्तरी कश्मीर के उरी में स्थित सेना के बटालियन मुख्यालय पर रविवार सुबह हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए.सीमापार से करीब 200 आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं जबकि कुछ पहले ही घाटी में घुस चुके हैं तथा नियंत्रण रेखा पर मुठभेडों की संख्या बढ गई है. इस बात की जानकारी शनिवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कश्मीर फ्रंटियर, महानिरीक्षक, विकास चंद्र ने दी.
एक कार्यक्रम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष नियंत्रण रेखा पर होने वाली मुठभेडों की संख्या में बढोतरी हुई है, इसे देखते हुए इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि घुसपैठ हुई है. करीब 150-200 आतंकवादी नियंत्रण रेखा की दूसरी ओर घुसपैठ के इंतजार में हैं.” उन्होंने घाटी में जारी अशांति के लिए पाकिस्तान और आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी अशांति पाकिस्तान प्रायोजित है. वहां के आतंकवादी संगठनों का इस सबमें बडा हाथ है और वे (अशांति को बढाने का) अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं.”
चंद्र ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इंतजार कर रहे कुछ आतंकवादी घाटी में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ने घुसपैठ कर ली है और कुछ मुठभेड में मारे गए हैं.” चंद्र ने घाटी में अशांति से निपटने में जम्मू कश्मीर पुलिस और अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपना काम ‘‘अत्यंत वीरता एवं सतर्कता” से कर रहे हैं.
बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि पैलेट गन को पावा गोले से बदलना मानव हानि को कम करने के सरकार के इरादे को प्रदर्शित करता है.