नयी दिल्ली : दस जिंदगियां लील लेने वाली बीमारी चिकुनगुनिया के कहर के साये में राष्ट्रीय राजधानी के गुजरने के बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने आज कहा कि डेंगू के विपरीत चिकुनगुनिया अपने आप मौत की वजह नहीं बन सकती. जैन ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा इस संबंध में उनकी राय का समर्थन करते हैं. वैसे उन्होंने कहा कि वह बढती मौतों की वजह पता लगाने के लिए सक्षम नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर एक बहस शुरु हो गयी लेकिन मैं निर्णय करने के लिए सक्षम नहीं हूं. केवल डॉक्टर और वैज्ञानिक ही यह तय कर पायेंगे कि उनकी मौत क्यों हुई. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘नड्डा जी ने मुझसे कहा कि पूरे देश में एक की भी जान चिकुनगुनिया से नहीं गयी. डेंगू से तो लोग सीधे मर जाते हैं लेकिन मेडिकल साहित्य कहता है कि सामान्य तौर पर लोग चिकुनगुनिया से नहीं मरते. ‘
जैन का यह कथन ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले उन्होंने मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर दहशत पैदा करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि चिकुनगुनिया ‘जानलेवा’ नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि आम तौर पर चिकुनगुनिया जानलेवा नहीं है लेकिन दुर्लभ मामलों में ये ऐसी जटिलताएं पैदा कर सकता है जो खासकर बच्चों एवं वृद्धों में जानलेवा साबित होती हे.जैन ने मीडिया पर केवल एक पक्ष दिखाने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘यह इस पर निर्भर करता है कि आप क्या दिखाना चाहते हैं. कुछ कमियां हो सकती हैं लेकिन सभी अस्पतालों के डाक्टर एवं स्टाफ कड़ीमेहनत करते हैं. ऐसा जान पड़ता है कि हमारे शब्दकोश में बस एक शब्द ‘आलोचना’ है.’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के सभी 12 अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था है. 2000 बिस्तर खाली हैं. किसी भी मरीज को इलाज से वंचित नहीं किया जाएगा. हम हर मरीज का इलाज करने को तैयार हैं. ‘ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से ही राष्ट्रीय राजधानी में चिकुनगुनिया मौतों की जांच में लगा है. मंत्रालय ने कहा कि यदि कोई पहले से ही (डायलायसिस या कैंसर के) इलाज से गुजर रहा है और उसे चिकुनगुनिया हो जाता है एवं उसकी मौत हो जाती है तो उसे चिकुनगुनिया मौत नहीं समझा जाएगा.