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पीएम मोदी से मिले अशरफ गनी, पाकिस्‍तान को दिया कड़ा संदेश

नयी दिल्ली : अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के ‘अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी’ के रूख की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि यह नजरिया ‘बिल्कुल अदूरदर्शी’ है और चेतावनी दी कि जो बढ़ते भारत-अफगान व्यापार को अवरुद्ध करने का प्रयास करने वाले खुद अवरुद्ध हो जाएंगे. साफ-साफ शब्दों में गनी ने कहा कि पाकिस्तान […]

नयी दिल्ली : अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के ‘अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी’ के रूख की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि यह नजरिया ‘बिल्कुल अदूरदर्शी’ है और चेतावनी दी कि जो बढ़ते भारत-अफगान व्यापार को अवरुद्ध करने का प्रयास करने वाले खुद अवरुद्ध हो जाएंगे. साफ-साफ शब्दों में गनी ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपनी प्रत्येक हार का जश्न जीत के तौर पर मनाता है और अपनी हर खुफिया विफलता की साजिश के रुप में पुष्टि करता है.

यहां आईडीएसए को संबोधित करते हुए अफगान राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जो देश सैन्य मामले में बढ़ते भारत-अफगान सहयोग से जोखिम महसूस करते हैं उन्हें अपना नजरिया बदलने की आवश्यकता है और दूसरों पर दोषारोपण नहीं करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि स्थिरता बंदूक की नली से नहीं आती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम देखते हैं कि अच्छे और बुरे आतंकवादी के बीच भेद है. अच्छे आतंकवादी वो हैं जो आपके पड़ोसी पर हमला करते हैं और बुरे आतंकवादी वो हैं जो आप पर हमला करते हैं. इस तरह का नजरिया बिल्कुल अदूरदर्शी है. आतंकवाद उस सांप की तरह काटेगा, जो उसे दूध पिलाता है.” उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई में क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि एक देश की प्रतिक्रिया बिल्कुल अपर्याप्त है.

वाघा सीमा के रास्ते अफगानिस्तान जाने के सडक मार्ग को पाकिस्तान के अवरुद्ध करने के बारे में पूछे जाने पर गनी ने कहा कि दोनों देशों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हवाई संपर्क है और उसे बढाने के प्रयास चल रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जो दोनों का रास्ता अवरुद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं वो खुद अवरुद्ध हो जाएंगे.

* मोदी, गनी ने चाबहार के इस्तेमाल के त्रिपक्षीय समझौते के तीव्र क्रियान्वयन पर बल दिया

भारत और अफगानिस्तान ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल के त्रिपक्षीय समझौते को तेजी से लागू किए जाने पर आज बल दिया ताकि क्षेत्रीय सम्पर्क को बढावा दिया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज यहां आपसी बातचीत में कहा कि इस समझौते के विस्तार से तीनों देशों के बीच सम्पर्क का भी विस्तार होगा.
वार्ता के बाद जारी एक सयुक्त वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान, भारत और ईरान के बीच मई 2016 में हुए त्रिपक्षीय समझौते के तीव्र क्रियान्वयन से चाबहार बंदरगाह को इस्तेमाल करते हुए इन देशों और इस क्षेत्र में संपर्क सुविधाओं का विस्तार होगा.’ दोनों नेताओं ने तीनों देशों द्वारा इस परियोजना में प्रमुख हितधारकों का एक संयुक्त फोरम बनाने के हाल में लिए गए निर्णय का भी स्वागत किया जिसमें व्यवसाय और उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
बयान के अनुसार मोदी और गनी ने भारत और अफगानिस्तान द्वारा मिल कर अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के लिए क्षेत्रीय और अन्य देशों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच संवाद को गहन करने के प्रयासों का स्वागत किया है. प्रधानमंत्री मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के बीच विस्तृत बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच दक्षिणी ईरान के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास का ‘ऐतिहासिक’ समझौता इसी वर्ष मई में किया गया .
इस समझौते के तहत भारत को इस बंदरगाह के रास्ते अफगानिस्तान और यूरोप तक का रास्ता मिलेगा. इस परियोजना पर भारत शुरु में 50 करोड डालर का निवेश करेगा. इसके साथ ही भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच पारिवहन एवं परगमन मार्ग का समझौता भी हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझोते को ‘इस क्षेत्र के इतिहास की राह बदलने वाला सझौता ‘ बताया है. इस पर ईरान में हुए समझौते के समय मोदी और रोहानी के साथ साथ राष्ट्रपति गनी भी मौजूद थे.

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