शिलांग: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने आज कहा कि अलग अलग जीवनशैलियों, भाषाओं और लोगों के सामंजस्यपूर्ण सह.अस्तित्व के चलन के संबंध में चीन को भारत से सीख लेनी चाहिए.
दलाई लामा यहां एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें भारत से सीख लेनी चाहिए जहां अलग अलग क्षेत्र, अलग अलग लोग, भिन्न भाषाएं, भिन्न लिपियां और भिन्न जीवन शैली हैं. फिर भी सभी सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से रहते हैं.’’ भारत को अपना घर बनाने के बाद से यह उनकी पहली मेघालय यात्रा थी. उन्होंने भारत को अनोखा और रहने के लिए काफी अच्छा देश बताया.
दलाई लामा ने भिन्न संस्कृति, बहु.जातीय, बहु.क्षेत्रीय समाज को स्वीकार करने के लिए भारत की तुलना संयुक्त राष्ट्र से की, वहीं चीनी कट्टरपंथियों को तिब्बत में रहने वाले लोगों के खिलाफ घृणा फैलाने का दोषी ठहराया. उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘‘ हम चीन से अलग होने की मांग नहीं कर रहे हैं. साझा हितों और आर्थिक विकास के मामले में हम चीन से जुड़े हुए हैं.’’