नयी दिल्लीः लोकपाल बिल पर दिल्ली की सरकार और केंद्र के बीच ठन गयी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि यदि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकपाल बिल को सीधे विधानसभा लेकर जाते हैं तो राष्ट्रपति इसको मंजूरी नहीं देंगे.केंद्र सरकार ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है. केंद्र ने कहा केजरीवाल संविधान की अनदेखी कर रहे हैं.
इधर अरविंद दिल्ली कैबिनेट में जनलोकपाल बिल पास हो गया है और इसे 13से 16 फरवरी के बीच विधानसभा में रखा जायेगा. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधेयक पर जानकारी देते हुए कहा, इस बिल का नाम दिल्ली लोकपाल रखा गया है. इसमें 10 सदस्यों की समीति होगी जिसका कार्यकाल सात साल का होगा. इसमें चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री तक शामिल होंगे. इस बिल में भ्रष्ट अधिकारियों को उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान है. दिल्ली लोकपाल के सदस्यों में मुख्यमंत्री और विपक्ष का नेता शामिल होंगे.