नयी दिल्ली : अब तक के सबसे कठिन चुनाव का सामना करने जा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने यह सवाल उठाया है कि क्या 2009 के आम चुनाव के बाद संप्रग दो सरकार का नेतृत्व करना पार्टी के लिए दूरदर्शितापूर्ण निर्णय था. इस नेता ने हालांकि यह स्वीकार किया कि गठबंधन एक मजबूरी होता है. बहरहाल वह महसूस करते हैं कि कांग्रेस को पिछले चुनाव के बाद विपक्ष में बैठना चाहिए था ताकि वह आगामी चुनावों के बाद अपने बलबूते पर सरकार बनाने की स्थिति में होती.
Advertisement
द्विवेदी ने कहा,2009 के चुनाव के बाद कांग्रेस को सरकार नहीं बनानी चाहिये थी
नयी दिल्ली : अब तक के सबसे कठिन चुनाव का सामना करने जा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने यह सवाल उठाया है कि क्या 2009 के आम चुनाव के बाद संप्रग दो सरकार का नेतृत्व करना पार्टी के लिए दूरदर्शितापूर्ण निर्णय था. इस नेता ने हालांकि यह स्वीकार किया कि गठबंधन एक मजबूरी […]
पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘2004 के मुकाबले 2009 के चुनाव में जनता का अधिक समर्थन मिलने के बाद यह बेहतर होता कि कांग्रेस सरकार नहीं बनाती और जिससे कोई अन्य सरकार बना सकता. ऐसी स्थिति में कांग्रेस एक स्वस्थ्य विपक्ष की भूमिका निभा सकती थी. कांग्रेस महासचिव के ये विचार ऐसे समय में काफी महतवपूर्ण है जब पार्टी गठबंधन के मुद्दे पर जूझ रही है और उसकी सरकार दस साल के सत्ता विरोधी और भ्रष्टाचार के गहरे आरोपों का सामना कर कर रही है.
द्विवेदी ने कहा कि जब तक आप पिछले प्रयोगों को खत्म नहीं करते, आप नया प्रयोग शुरु नहीं कर सकते. चूंकि हमने 2009 में उस अध्याय को समाप्त नहीं किया इसलिए हम आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए अभी भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं. द्विवेदी पार्टी में ‘‘एकला चलो’’ के बड़ा पैरोकार समझे जाते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement