नयी दिल्ली : देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर कर रही ताकतों के खिलाफ जनता को आगाह करते हुए संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि छोटी, स्थानीय घटनाओं को लेकर सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ना चाहिए और ऐसी घटनाओं से बिना किसी पक्षपात के सख्ती से निपटा जाना चाहिए.
सोनिया ने उम्मीद जतायी कि सांप्रदायिक हिंसा विधेयक जल्द ही संसद में रखा जायेगा और कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक मेलजोल और राष्ट्र की धर्मनिरपेक्ष विरासत की रक्षा करना है.
मुजफ्फरनगर दंगों का प्रकटरुप से उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छोटी, स्थानीय घटनाओं को लेकर सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ने पाये और उन्हें इन घटनाओं से बिना किसी पक्षपात के सख्ती से निपटना चाहिए.
उन्होंने कहा, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा करना और उसे बढावा देना सरकार की जिम्मेदारी है. यह सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है कि अल्पसंख्यकों को बराबरी का अवसर मिले. यह जरुरी है कि अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस करें और कानून व्यवस्था तंत्र पर उनका भरोसा हो. हमें उन शक्तियों के प्रति सचेत रहना चाहिए जो भारत की धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करती हैं. सोनिया गांधी राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम के उद्घाटन के अवसर पर बोल रही थी. यह आयोग संप्रग सरकार के एक और वादे को पूरा करता है.
सोनिया ने कहा कि मंत्रिमंडल ने सांप्रदायिक हिंसा विधेयक को पहले ही अपनी मंजूरी दे दी है और मुझे आशा है कि जल्द ही यह विधेयक संसद में पेश किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार अल्पसंख्यकों के विकास के प्रति कटिबद्ध है और उनके कल्याण से संबंधित योजनाओं पर खर्च की जाने वाली राशि में पिछले दस वर्षों में दस गुणा की बढोत्तरी हुई है. उन्होंने हालांकि सरकार को आगाह किया कि सिर्फ अच्छी योजनायें ही पर्याप्त नहीं हैं बल्कि उन्हें कारगर तरीके से लागू किया जाना भी अहम है.
सोनिया ने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि योजनाओं का कारगर क्रियान्वयन भी बहुत ही जरूरी है. वास्तविकता यह है कि कई बार इन परियोजनाओं का लाभ लक्षित लोगों तक नहीं पहुंच पाता. इसलिए यह जरुरी है कि शिकायतों से निपटने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया जाये.