नयी दिल्ली: एक शख्स ने यह शिकायत करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की शिरकत वाले एक कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया कि अल्पसंख्यकों के लिए तैयार योजनाएं जमीनी तौर पर कार्यान्वित नहीं की जा रही हैं. जब उस शख्स ने चुप होने से इनकार कर दिया तो सुरक्षा कर्मियों ने उसे काबू में कर लिया और उसे ऑडिटोरियम से बाहर ले गए.
जैसे ही मनमोहन ने राष्ट्रीय वक्फ विकास निगम का अपना उद्घाटन भाषण समाप्त किया वह शख्स उठ खड़ा हुआ और विरोध जताने लगा कि अल्पसंख्यक योजनाएं लागू नहीं की जा रही हैं और प्रधानमंत्री को नई योजनाएं शुरु करना बंद करना चाहिए. बाद में, उस शख्स ने अपनी शिनाख्त डाक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता फहीम बेग के बतौर की जो पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफराबाद में रहता है.
बेग ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को 150 पत्र लिखे जिनमें उन्होंने अपनी शिकायतें दर्ज कीं और उनसे मुलाकात का आग्रह किया, लेकिन उन्हें उसकी पावती तक नहीं मिली. बेग ने दावा किया कि आरटीआई जवाब के अनुसार उनके जिले में अल्पसंख्यकों के लिए एक प्रमुख योजना अब तक ‘‘पाइपलाइन’’ में है जबकि कई साल पहले उसकी शुरुआत की गई थी. बेग ने अपने विरोध का औचित्य जताते हुए कहा, ‘‘मैंने सरकार से अपने विचार साझा करने के लिए हर संभव प्रयास किया। मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था.’’ इस बीच, पीएमओ सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बेग का आवेदन लिया है और उसपर विचार कर रहे हैं.