16 साल के लगातार अनशन के बाद आखिरकार इरोम शर्मिला ने अनशन तोड़ दिया है. इरोम के इस ऐतिहासिक फैसले को कवर करने के लिए देश-विदेश का मीडिया मणिपुर पहुंचा. अनशन तोड़ने के फैसले पर खुद इरोम के परिवार वालों को आश्चर्य हो रहा है. अस्पताल के चाहरदीवारी में कैद, पाइप के सहारे भोजन लेकर जिंदा रहने वाली इरोम की जिंदगी के कई अनछुए पहलू हैं. उन्होंने कहा कि लोगंमुझे आयरन लेडी मानते हैं, मैं इसी नाम से जीना चाहती हूं . मैं आम इंसान हूं लोगों से अपीलकरतीहूं कि मुझे फरिश्ता नहीं बनाये. अनशन तोड़ने की घोषणा के साथ ही वो भावुक हो गयी और उनकी आंखों में आंसू आ गये. इरोम शर्मिला ने कहा कि यह वक्त मेरे जीवन के लिए यादगार वक्त है. आइयेजानते हैं इनके जीवन से जुड़े दस बातें:
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इरोम शर्मिला के जीवन से जुड़ी दस खास बातें
16 साल के लगातार अनशन के बाद आखिरकार इरोम शर्मिला ने अनशन तोड़ दिया है. इरोम के इस ऐतिहासिक फैसले को कवर करने के लिए देश-विदेश का मीडिया मणिपुर पहुंचा. अनशन तोड़ने के फैसले पर खुद इरोम के परिवार वालों को आश्चर्य हो रहा है. अस्पताल के चाहरदीवारी में कैद, पाइप के सहारे भोजन लेकर […]
1. इरोम को बचपन में पढ़ने-लिखने का मन नहीं करता था. शुरुआत में वो मानवाधिकार संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेतीथीं. बहुत छोटी उम्र से मानवाधिकार संगठनों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली इरोम बैठकों पर अकसर चुप रहती थीं.
2. छोटी उम्र में उन्हें कविता लिखने, पेंटिग बनाने का शौक था. मणिपुर के साधारण परिवार से आने वाली इरोम अखबारों में भी लिखती थी.
3. इरोम ने अनशन तोड़ने का फैसला 28 साल के उम्र में लिया. 2 नवंबर 2000 को सैनिकों के गोलीबारी से 10 नागरिकों की मौत हो गयी. मरने वालों में इरोम का कोई परिजन शामिल नहीं था फिर भी वो इस घटना से इतनी द्रवित हुई कि उन्होंने आफ्सपा हटाने तक अनशन का फैसला लिया.
4. इरोम शर्मिला ने अपने इस कठोर फैसले के बारे में सबसे पहले अपनी मां को बताया. शुरुआत में उनके इस फैसले पर किसी का ध्यान नहीं गया लेकिन जब यह भूख हड़ताल लंबा खींच गया तो इरोम का अपार जनसमर्थन मिलने लगा.
5. भूख हड़ताल लंबा खीचने के बाद इरोम पर आत्महत्या करने का आरोप लगा और उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद उनके जीवन का लंबा वक्त अस्पताल के चाहरदीवारी में बीता.
6. इरोम शर्मिला ने इन 16 सालों में खाने -पीने की चीज का कोई स्वाद नहीं चखा. कोर्ट ने उनसे बार-बार अनशन तोड़ने के सवाल पूछे लेकिन वो फैसले पर टिकी रही.
7.अक्टूबर 2011 में तृणमूल कांग्रेस ने उनके संघर्ष को समर्थन देने का फैसला लिया. इसी साल सीपीआइ ने भी उनका समर्थन दिया और कहा कि उनकी मांगों को लेकर देश भर में प्रदर्शन किये जायेंगे. इरोम जब भी दिल्ली आती थीं महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट जाती हैं. इरोम महात्मा गांधी को आदर्श मानती हैं.
8. जब इरोम शर्मिला 39 साल की हुई तो उनके सम्मान में महाराष्ट्र के एक गैरसरकारी संगठन ने 39 मणिपुरी छात्राओं को स्कॉलरशिप देने की घोषणा की. इसके तहत मणिपुरी छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है.
9. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2014 में उन्हें एमएसएन के द्वारा टॉप वूमेन आइकॉन चुना गया. इसके अतिरिक्त उन्हें कई सम्मान दिये गये है. 2010 में उन्हें एशियन हूमेन राइट कमीशन के द्वारा उन्हें लाइफटाइम एचिवमेंट से नवाजा गया.
10. इरोम शर्मिला ने आज 9 अगस्त को अनशन तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वो 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने बताया कि वो मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं और शादी भी करेंगी.
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