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अरुणाचल प्रदेश मामला: राहुल गांधी ने SC को धन्यवाद कहा, बोले केजरीवाल- मोदी सरकार को एक और जोर का तमाचा

नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए अरुणाचल प्रदेश में बनी कलीखो पुल की सरकार को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दिया है. इस फैसले के बादकांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि […]

नयी दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए अरुणाचल प्रदेश में बनी कलीखो पुल की सरकार को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दिया है. इस फैसले के बादकांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद जिसने प्रधानमंत्री को लोकतंत्र का मतलब समझाया…वहीं दूसरी ओरदिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया और कहा कि कोर्ट का फैसला मोदी सरकार को एक और जोर का तमाचा है.मुझे आशा है कि मोदी जी इससे सबक लेंगे और लोकतांत्रिक रुप से चुनी हुई सरकार को काम करने देंगे. उधर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने कहा कि संविधान विशेषज्ञों से बात कर आगे की रणनीति तय करेंगे.

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मामले पर दिल्ली के उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मोदी जी! अब तो लोकतंत्र का सम्मान करना सीखिए. किसी राज्य के लोग अगर अन्य पार्टी की सरकार चुन लेते हैं तो उन्हें सज़ा देना बंद कीजिए. अगर लोकतंत्र के प्रति थोड़ी बहुत भी इज्जत बाकी है तो ऐसे गवर्नर को तुरंत पद से हटाइए जिनकी हरकत अब असंवैधानिक ठहराई जा चुकी है.

आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने ट्वीट किया कि यह एक तानाशाह की हार, लोकतंत्र की जीत है.

कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि दोनों नेता अपने कृत्य के लिए माफी मांगे. कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा, अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने पर पीएम मोदी और अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र और संविधान की जीत बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं. नबाम तुकी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संविधान की रक्षा हुई है, कांग्रेस के 47 विधायकों से चर्चा करने के बाद आगे की नीति पर फैसला करूंगा.

आपको बता दें कि कोर्ट ने प्रदेश में 15 दिसंबर की स्थिति पुन: बहाल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने गवर्नर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को भी असंवैधानिक बताया है. पिछले साल दिसंबर में सूबे की राजनीति में हलचल देखने को मिली थी. कई दिनों तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद कांग्रेस सरकार के 42 में से 21 विधायक बागी हो गए थे.

16-17 दिसंबर को सीएम नबाम टुकी के कुछ विधायकों ने भाजपा के साथ नो कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया और सरकार की फजीहत हुई थी. सूत्रों की माने तो कांग्रेस सरकार वि धानसभा भंग करने के मूड में नहीं थी और जोड़-तोड़ की तमाम कोशिशें करने में लगी हुई थी. इस घटनाक्रम के बाद मोदी सरकार की सिफारिश पर अरुणाचल प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लागू किया गया. सरकार के इस फैसले की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कड़ी आलोचना की थी. कांग्रेस ने इसके खिलाफ अपील की जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

मेरी सरकार को नहीं है कोई खतरा, करुंगा समीक्षा याचिका दायर : कलिखो

अविचलित दिखने की कोशिश करते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने आज कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार बहाल करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर वहां समीक्षा याचिका दायर करेंगे.नबाम तुकी के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार की बहाली संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुल, जिन्होंने तब कांग्रेस के बागियों का नेतृत्व किया था, ने कहा, ‘‘हमारी सरकार बनी रहेगी.’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह सदन के पटल पर तय होगा। सरकार बस संख्याबल से चलती है. हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है. ‘

पुल ने स्पष्ट किया, ‘‘निश्चित रूप से, मैं पुररीक्षण याचिका दायर करुंगा. पहले तो मैं विस्तृत फैसला देख लूं और कानूनी विशेषज्ञों से राय मशविरा कर लूं. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘हमने प्रक्रिया के हिसाब से सरकार बनायी थी. हमने 32 विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड कराई थी और अपना बहुमत साबित किया था ‘ उन्होंने कहा कि उन्होंने नई पार्टी बनायी तथा कानूनी एवं संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया.

एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल के सारे फैसलों को खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बहाल करने का आदेश दिया. राज्यपाल के फैसलों को शीर्ष न्यायालय ने संविधान का उल्लंघन बताया. इन फैसलों से जनवरी में कांग्रेस सरकार गिर गयी थी

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