हैदराबाद : मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सात मरीजों की आंखों की रोशनी समाप्त होने के आरोपों को लेकर यहां के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है. हुमायूं नगर पुलिस थाने के इन्स्पेक्टर एस रविन्दर ने बताया कि इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद सरोजिनी देवी नेत्र चिकित्सालय के कुछ डॉक्टरों के खिलाफ भादंसं की धारा 338 (जीवन या दूसरों की निजी सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. बहरहाल, उन्होंने कहा कि इस मामले में डॉक्टरों के नामों का विशेष रुप से उल्लेख नहीं किया गया है.
इन्स्पेक्टर ने बताया ‘यह मामला तेलंगाना मेडिकल बोर्ड के पास भेजा जाएगा.’ इस अस्पताल में पिछले सप्ताह कुछ लोगों की आंखों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद महिलाओं सहित 13 मरीजों की आंखों में संक्रमण हो गया और फिर इनमें से सात मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई. इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रभावित मरीज अनजी रेड्डी के दामाद जितेन्दर रेड्डी ने शिकायत में डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस शिकायत में रेड्डी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने न तो सही तरीके से सर्जरी की और न ही सावधानी बरती गई। इसके अलावा, मरीजों के परिजनों को बताये बिना मरीजों की पांच ‘फॉलो..अप’ सर्जरी भी की गईं जिससे उनकी आंखों की रोशनी समाप्त हो गई. बहरहाल, अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी ओर से कोई लापरवाही बरते जाने से इंकार करते हुए दावा किया कि सर्जरी के दौरान प्रयुक्त की गईं सेलाइन की बोतलें संदूषित थीं जिनकी वजह से 13 मरीजों की आंखों में संक्रमण हुआ.
ये मरीज 60 से 70 साल की उम्र के हैं. अस्पताल के उपाधीक्षक राजेंद्र गुप्ता ने पूर्व में कहा था कि अस्पताल में 30 जून को करीब 21 मरीजों की आंखों का मोतियाबिंद के उपचार के लिए ऑपरेशन किया गया था। इनमें से 13 मरीजों की आंखों में संक्रमण हो गया. इन लोगों की पुन: सर्जरी की गई और छह मरीजों पर इलाज का अच्छा असर हुआ. लेकिन सात मरीजों का अब तक इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा ‘जब आगे की जांच हुई तो हमें पता चला कि 13 मरीजों का ऑपरेशन एक ही ऑपरेशन थिएटर में किया गया था और उस दौरान प्रयुक्त हुई सेलाइन की बोतलों में क्लेबसिएला बैक्टीरिया का संदूषण था. इसी वजह से मरीजों की आंखों में संक्रमण हुआ और उनमें से कुछ की आंखों की रोशनी आंशिक रुप से चली गई.’ इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए तेलंगाना सरकार ने कल कहा था कि मरीजों को बेहतरीन इलाज मुहैया कराया जाएगा और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.