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पढिए, जावडेकर सहित नरेंद्र मोदी के दूसरे नये मंत्रियों का प्रोफाइल

इंटरनेट डेस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार बनने के बाद आज अपने मंत्री परिषद का दूसरा विस्तार किया. यह विस्तार सरकार के लगभग मध्यकाल पर पहुंचने के दौरान किया गया है. मंत्री परिषद के इस विस्तार को उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावों की पूर्व तैयारी से जोड़ कर देखा जा रहा हैं, ताकि […]

इंटरनेट डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार बनने के बाद आज अपने मंत्री परिषद का दूसरा विस्तार किया. यह विस्तार सरकार के लगभग मध्यकाल पर पहुंचने के दौरान किया गया है. मंत्री परिषद के इस विस्तार को उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावों की पूर्व तैयारी से जोड़ कर देखा जा रहा हैं, ताकि जातीय व सामाजिक समीकरण को दुरुस्त किया जा सके. जानिए, प्रकाश जावडेकर सहित मोदी के नये मंत्रियों का प्रोफाइल :

प्रकाश जावडेकर : प्रकाश जावडेकर महाराष्ट्र के पुणे से आते हैं. वे छात्र जीवन से संघ परिवार व उसके संगठनों से जुड़े रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक बैंक अधिकारी के रूप में अपना करियर चुना. लेकिन, फिर सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में नौकरी छोड़ कर सक्रिय हो गये. जावडेकर केंद्र में वर्तमान में स्वतंत्र प्रभार के पर्यावरण राज्य मंत्री थे, अब वे कैबिनेट रैंक के मंत्री हो गये. मौजूदा मंत्रियों में प्रमोशन पाने वाले वे एक मात्र मंत्री हैं. वे पार्टी के प्रवक्ता रहे हैं और वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोद महाजन ने संगठन में सक्रिय किया था.

एमजे अकबर :
मशहूर पत्रकार एमजे अकबर भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं. टेलीग्राफ, एशियन ऐज के संपादक रह चुके एमजे अकबरअंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी पकड़ व समझ रखते हैं. 1989 में वो किशनगंज से कांग्रेस पार्टी के सांसद भी थे. देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं के महत्वपूर्ण पदों में काम कर चुके अकबर 2014 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से जुड़े.

पुरुषोत्तम रूपाला : प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात से आने वाले पुरुषोत्तम रूपाला राज्यसभा सांसद हैं. पेशे से शिक्षक रह चुके रूपाला भाजपा व आरएसएस में गहरी पैठ रखते हैं. रूपाला गुजरात बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं.उन्हेंकेंद्रीय मंत्री के बाद भविष्य मेंगुजरातकी सीएम आनंदी बेन पटेल के विकल्प के रूप में भी दिखा है,जिनकेनेतृत्व पर पटेल आंदोलन के कारण सवाल उठ खड़ा हुआ है.

एसएस अहलूवालिया :
दार्जलिंग से लोकसभा सांसद एसएस अहलूवालिया भाजपाकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.सिख समुदाय से आने वाले अहलूवालिया फर्राटेदारबांग्ला सहित कई बोलियां बोलते हैं. पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहने वाले अहलूवालिया राज्यसभा में भाजपा के उपनेता भी रहे हैं.

रामदास अठावले : रामदास अठावले की गिनती देश के प्रमुख दलित नेता के रूप में होती है. रिपब्लिकन ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास अठावले राज्यसभा सांसद हैं. महराष्ट्र की राजनीति के बेहद अहम शख्स अठावले कई बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के साथ गंठबंधन किया था. उनके मार्जिन वोटों से भाजपा को लाभ हुआ है. एक बड़े दलित चेहरे को कैबिनेट में लेकर भाजपा उत्तरप्रदेश व पंजाब के दलित वोटरों को एक संदेश देना चाहती है.

अर्जुन मेघवाल : साइकिल से संसद पहुंच कर मीडिया ती सुर्खियां बनने वाले अर्जुन मेघवाल बीकानेर से सांसद हैं. राजनीति विज्ञान में एमए की की पढ़ाई कर चुके मेघवाल ने एलएलबी व एमबीए की भी डिग्री हासिल की है. लेकिन, उनकी असली पहचान बेहद लो-प्रोफाइल सक्रिय सांसद के रूप में है. बेहद साफ-सुथरी छवि वाले मेघवाल की गिनती तेज-तर्रार नेताओं में होती है.

अजय टमटा : उत्तराखंड से भाजपा सांसद अजय टमटा विधायक भी रह चुके हैं. वो केंद्र में उत्तराखंड से भाजपा का चेहरा होंगे. उनके कैबिनेट में जगह देकर सरकार उत्तराखंड के वोटरों को एक संदेश देना चाहती है, जहां अगले साल ही चुनाव होना है. अजय टमटा अल्मोड़ा के सांसद हैं और सालों से बार-बार विवादों में उलझने वाली उत्तराखंड भाजपा के एक संभावित चेहरे माने जाते रहे हैं.

महेंद्रनाथ पांडेय :महेंद्रनाथ पांडेय भारत की सोलहवीं लोकसभा के सांसद हैं. 2014 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश कीचंदौली सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए हैं. वे पूर्वांचल के एक अहम ब्राह्मण चेहरे हैं, जहां ब्राह्मण वोट किसी की भी जीत व हार तय कर सकते हैं.

पीपी चौधरी : वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी चौधरी राजस्थान के पाली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. पीपी चौधरी को सांसद रत्न अवार्ड से भी नवाजा गया है.समझाजाता हैकिउन्हेंकैबिनेटमें शामिल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थानकी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उस शिकायतको दूर करना चाहतेहैंकि राजस्थानको केंद्रीयकैबिनेटमें कममहत्व मिला है.

अनुप्रिया पटेल: संसद में बहस के दौरान बढ़-चढ़ कर भाग लेने वाली अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद हैं. ओबीसी समुदाय से आने वाली अनुप्रिया पटेल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. अनुप्रिया पटेल अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी हैं. अनुप्रिया व उनकी मां कृष्णा पटेल के बीच पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई जारी है. अनुप्रिया दल पार्टी का विलय भाजपा में करने की पक्षधर हैं.

फग्गन सिंह कुलस्ते :
फग्गन सिंह कुलस्ते मध्यप्रदेश से आते हैं. वे वहां के प्रमुख आदिवासी नेता हैं. कुलस्ते वाजपेयी सरकार में केंद्र में जनजातीय मामलों के मंत्री रहे हैं. कुलस्ते राष्ट्रीय स्तर पर तब चर्चा में आये थे, जब मनमोहन सरकार के समय अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु करार को लेकर उन्होंने सत्ता पक्ष को वोट देने के लिए पैसे का प्रलोभन देने की बात कही थी.

विजय गोयल : विजय गोयल दिल्ली से आते हैं और लंबे अरसे से दिल्ली की मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी करते रहे हैं, लेकिन पिछले दो चुनावों मेें पार्टी ने पहले डॉ हर्षवर्धन को प्राजेक्ट किया और उसके बाद किरण बेदी को. वाजपेयी सरकार में पीएमओ में राज्यमंत्री के रूप में विजय गोयल बेहद प्रभावी भूमिका में थे. माना जा रहा था कि वे हाशिये पर कर दिये गय हैं, लेकिन पार्टी ने नयी जिम्मेदारी देकर उनका महत्व चिह्नित किया है.

अनिल माधव दावे : अनिल माधव दवे मध्यप्रदेश से आते हैं और पार्टी संगठन के एक प्रबुद्ध चेहरे माने जाते हैं. दवे राज्यसभा सांसद के रूप में अहम विषयों को उठाते रहे हैं. एक सांसद के रूप में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. दवे केव्यक्तित्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ की गहरी छाप है और वे उसके प्रतिनिधि माने जाते हैं.

सुभाष भामड़े : सुभाष भामड़े महाराष्ट्र से आते हैं और धुले सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं. वे एक कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. वे वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी समिति के सदस्य हैं और मुफ्त में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन करते रहते हैं.

रमेश चंद्रप्पा जिगजिनागी : रमेश चंद्रप्पा जिगजिनागी कर्नाटक से आते हैं और 16वीं लोकसभा के सदस्य हैं. वे बीजापुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और दलित समुदाय से आते हैं. रमेश पहली बार 12वीं लोकसभा में रिकार्ड एक लाख 31 हजार मतों से अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर पहुंचे थे. उन्होंने राजनीतिक पारी जनता दल से शुरू की और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेंगड़े उनके राजनीतिक संरक्षक थे.

राजेन गोहेन : राजेन गोहेन असम के नागांव लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. माना जाता है कि उन्हें सर्बानंद सोनेवाल के केंद्रीय कैबिनेट से बाहर आने व असम का मुख्यमंत्री बनने केबदले रिप्लेस किया गया है. वे चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गये हैं. गोवाहाटी यूनिवर्सिटी से बीए व एलएलबी के डिग्री धारी अपने क्षेत्र का 1999 से लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

सीआर चौधरी : सीआर चौाधरी राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. उनका पूरा नाम छोटू राम चौधरी है. वे राजस्थान लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

पीपी चौधरी :राजस्थानकेपाली लोकसभा के सांसद पीपी चौधरीनेकेंद्र सरकार में राज्यमंत्री की शपथ ली है. वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं.

जसवंत सिंहभभोर : जसवंत सिंह भभोर गुजरात से आते हैं और वहां की सरकार में आदिवासी मालों व ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री रहे हैं.

मनसुखलक्ष्मणभाई मांडविया :
मनसुख लक्ष्मणभाई मांडविया गुजरात से आते हैं. वे 2014 से 2016 के लिए गुजरात से राज्यसभा सदस्य चुने गये हैं. वे भावनगर जिले के रहने वाले हैं.

कृष्ष्णा राज : कृष्णा राज उत्तरप्रदेश की शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. 49 वर्षीय श्रीमती राज दो बार उत्तरप्रदेश विधानसभा की सदस्य भी रही हैं. कृष्णा राज दलित समुदाय से आती हैं और समझा जाता है कि उत्तरप्रदेश चुनाव में दलित वोटों के महत्व को देखते हुए उन्हें साधने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार व भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया है.

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