नयी दिल्ली : सब्सिडी का भारी बोझ कम करने के लिए भारतीय रेलवे अब वरिष्ठ नागरिकों को आरक्षित वर्ग के टिकटों की खरीद पर मिलने वाली रियायत छोडने का विकल्प दे रहा है. साथ ही रेलवे ने ट्रेन के सफर पर होने वाला असली खर्च टिकट पर मुद्रित करना शुरू कर दिया है ताकि यात्रियों को रेलवे से मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी मिले. पिछले वित्त वर्ष में रेलवे को सब्सिडी पर 1,600 करोड की धनराशि खर्च करनी पडी थी. इनमें वरिष्ठ नागरिकों, खेल पुरस्कार विजेताओं और कैंसर मरीजों सहित अन्य को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि शामिल है.
इस समय 55 श्रेणी के यात्री ट्रेन टिकट की खरीद पर रियायत हासिल करने की पात्रता रखते हैं. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सब्सिडी पर सबसे ज्यादा खर्च वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में होता है. पिछले साल केवल इस श्रेणी के लिए रेलवे को 1,100 करोड रुपये की सब्सिडी देनी पडी थी. वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी के तहत महिला यात्रियों को 50 जबकि पुरुष यात्रियों को 40 प्रतिशत रियायत दी जाती है. इस श्रेणी के तहत रियायत हासिल करने के लिए महिलाओं की उम्र कम से कम 58 जबकि पुरुषों की उम्र 60 साल होनी चाहिए.
पहले टिकट लेते समय उम्र भरने पर यात्रियों को स्वत: रियायत मिल जाती थी लेकिन अब उनके पास रियायत छोडने का विकल्प है. अधिकारी ने कहा, ‘‘अब यात्रियों को टिकट खरीदने से पहले एक विकल्प दिया जा रहा है. अगर कोई वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत नहीं लेना चाहता है और पूरा किराया देने के लिए तैयार हैं तो ऐसा कर सकता है. इस के अनुरुप सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है.’