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ब्रिटेन की तरह दिल्ली में भी जनमत संग्रह चाहते हैं अरविंद केजरीवाल

नयी दिल्‍ली : भारत का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने में आयी बाधा और ब्रिटेन में यूरोपीय संघ (ईयू) को लेकर हुये एतिहासिक जनमत संग्रह के बाद दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए नयी ऊर्जा मिल गयी है. […]

नयी दिल्‍ली : भारत का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने में आयी बाधा और ब्रिटेन में यूरोपीय संघ (ईयू) को लेकर हुये एतिहासिक जनमत संग्रह के बाद दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए नयी ऊर्जा मिल गयी है. ‘आप’ और केजरीवाल ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है.

दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसौदिया जहां मोदी सरकार की विदेश नीति पर हमला बोला, वहीं केजरीवाल ब्रिटेन में यूरोपीय संघ (ईयू) को लेकर हुये एतिहासिक जनमत संग्रह के बाद एक बार फिर से दिल्‍ली पूर्ण राज्‍य की मांग को हवा दे दी है. केजरीवाल भी पूर्ण राज्‍य के लिए जनमत संग्रह की तैयारी कर रहे हैं. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, यूके रेफरेंडम के बाद अब जल्‍द ही दिल्‍ली में भी पूर्ण राज्‍य को लेकर जनमत संग्रह किया जाएगा.

गौरतलब हो कि मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्‍ली को पूर्ण राज्‍य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन हर बार उन्‍हें राजनीतिक दबाव के कारण पीछे हटना पड़ जाता है. दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को लेकर बड़ा हमला किया है. उन्‍होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया.

सिसोदिया ने एनएसजी को लेकर लिखा, हारे तो चीन की चालाकी, और अगर जीते होते तो? मोदी मोदी जप रहे होते. तमाशे की कूटनीति को तमाचा लगा है. कुछ तो शर्म करो. उन्‍होंने आगे लिखा, झूला झुलाने, बिरयानी खिलाने और 10-10 लाख के सूट पहनकर दिखाने से दुनिया में कूटनीति नहीं चलती. क्या NSG पर देश की हार के लिए, राज्यों को कमज़ोर करने में व्यस्त PMO से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए?है कोई या सवाल पूछने वाले भी सब व्यस्त है? .

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा, मोदी विदेश नीति के मोर्चे पर नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी विदेश ‘‘यात्राओं’’ के दौरान क्या कुछ किया, इस बारे में उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए. केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी विदेश नीति के मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम रहे हैं. उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान क्या कुछ किया इस बारे में उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा ?’

ज्ञात हो चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत की सदस्यता का जोरदार ढंग से विरोध जारी रखा है और ऐसे में 48 सदस्य देशों वाले इस समूह में भारत का प्रवेश फिलहाल संभव नहीं दिखाई दे रहा है. समूह की दो दिवसीय समग्र बैठक आज समापन की ओर बढ़ गयी. चीन के शस्त्र नियंत्रण विभाग के महानिदेशक वांग कुन ने संवाददाताओं को बताया कि एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले भारत जैसे देशों को एनएसजी की सदस्यता देने के मुद्दे पर कोई आम सहमति नहीं बनी.

वहीं ब्रिटेन में यूरोपीय संघ (ईयू) को लेकर एतिहासिक जनमत संग्रह कराया गया. जिसमें प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की करारी हार हुई है. उन्‍होंने तो हार के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा भी कर दी है. ब्रिटेन ने 28 देशों के संगठन यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के पक्ष में मतदान किया है. कैमरन ब्रिटेन के ईयू में बने रहने के पक्ष में थे. इस फैसले से जहां एक तरफ वैश्विक बाजारों में उठापटक की स्थिति रही वहीं ईयू से अलग होने के बाद ब्रिटेन में आव्रजन और अन्य मुद्दों पर भी सवाल उठने लगे हैं.

जनमत संग्रह में ईयू से अलग होने के पक्ष में 51.9 प्रतिशत मत पड़े. हालांकि, कैमरन ने ईयू में बने रहने के पक्ष में काफी सक्रियता के साथ प्रचार किया था. इससे कंजर्वेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री के सत्ता में बने रहने को लेकर भी सवाल उठने लगे. जनमत संग्रह के परिणाम की आधिकारिक घोषणा के कुछ ही देर पर अपना संक्षिप्त बयान देने के लिए कैमरन 10 डाउनिंग स्टरीट से बाहर निकले और उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा देने की अपनी मंशा जता दी कि नये प्रधानमंत्री यूरोपीय संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अक्तूबर में पदभार ग्रहण करेंगे.

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