नयी दिल्ली: बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवारनरेंद्र मोदी से जुड़े जासूसी मामले में कोई अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जांच आयोग की अध्यक्षता करने को तैयार नहीं है. सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस सिलसिले में कुछ न्यायाधीशों से संपर्क किया था, लेकिन सभी लोगों ने कथित रूप से इसे ‘अत्यंत राजनीतिक’ बताते हुए पेशकश स्वीकार करने से मना कर दिया.
माना जा रहा है कि इस जांच पर लोकसभा चुनाव का असर है हालांकि केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इससे इनकार किया है. उन्होंने कहा कि अवकाशप्राप्त न्यायाधीश के नाम की घोषणा में कुछ समस्या हैं. शिंदे ने 10 जनवरी को घोषणा की थी कि न्यायिक आयोग की अध्यक्षता के लिए किसी न्यायाधीश के नाम की घोषणा एक-दो दिन में कर दी जाएगी, लेकिन इस घोषणा के नौ दिन बाद भी किसी न्यायाधीश के नाम की घोषणा नहीं हुई है. सरकार ने 26 दिसंबर को कथित रूप से मोदी की तरफ से एक महिला की जासूसी कराने के मामले की जांच के लिए जांच आयोग के गठन की घोषण की थी.