नयी दिल्ली : 12 जून को पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए कमलनाथ ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस बाबत पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि 1984 के दंगों में जबर्दस्ती नाम उछाले जाने के बाद वे प्रभारी पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं. सोनिया गांधी ने कमलनाथ का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इस जानकारी पर कांग्रेस नेताओं ने भी मुहर लगाई है. सूत्रों की माने तो नए प्रभारी की घोषणा गुरुवार या शुक्रवार को हो सकती है. वहीं राजनीतिक पंडितों के अनुसार कमलनाथ ने ऐसा करके पार्टी को नुकसान होने से बचा लिया क्योंकि यदि वे पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस पद पर रहते तो पार्टी के वोट बैंक को नुकसान हो सकता था.
सोनिया को क्या लिखा पत्र में
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका को लेकर पैदा नये विवाद के बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने गुरुवार रात उन्हें तीन दिन पहले सौंपा गया पंजाब का प्रभार लौटा दिया. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में नुकसान को रोकने के स्पष्ट प्रयास में यह कदम उठाया क्योंकि विरोधी दल इस मुद्दे को उठा रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा जिन्होंने उनका इस्तीफा तुरंत मंजूर किया और उन्हें पार्टी महासचिव पद से मुक्त कर दिया. पंजाब और हरियाणा के तीन दिन पहले प्रभारी महासचिव बनाए गए कमलनाथ ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘…मैं आग्रह करता हूं कि मुझे :पंजाब में: मेरे पद से मुक्त किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो कि पंजाब से असल मुद्दों से ध्यान नहीं भटके।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा कि वह ‘‘पिछले कुछ दिन में नई दिल्ली में 1984 के दर्दनाक दंगों को लेकर पैदा गैरजरुरी विवाद से जुडे घटनाक्रम से आहत’ हैं.
विपक्ष का हमला: जख्मों पर नमक छिडकने…
कमलनाथ ने यह कदम ऐसे समय उठाया जब अकाली दल, भाजपा और आप ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की कथित भूमिका को लेकर उन पर तथा कांग्रेस पर हमला साधा. उनकी नियुक्ति को सिखों के ‘‘जख्मों पर नमक छिडकने’ जैसा बताते हुए तीनों दल इस नियुक्ति को बडा तूल देने की तैयारी में थे. कमलनाथ ने कहा कि दंगा मामले में वर्ष 2005 तक उनके खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान या शिकायत या प्राथमिकी तक नहीं थी और पिछली राजग सरकार द्वारा गठित नानावटी आयोग ने उन्हें बाद में दोषमुक्त करार दिया था. उन्होंने सोनिया से कहा कि यह विवाद कुछ नहीं बल्कि चुनावों से पहले लाभ उठाने के लिए सस्ता राजनीतिक प्रयास है. कुछ खास तत्व केवल राजनीतिक लाभ के लिए इन मुद्दों को उठा रहे हैं.
नेहरुवादी राजनीति करने वाला व्यक्ति
पंजाब का प्रभारी महासचिव नियुक्त किये जाने पर सोनिया का आभार जताते हुएकमलनाथने लिखा, ‘‘मैं नेहरुवादी राजनीति करने वाला व्यक्ति हूं और झूठे आरोपों से कांग्रेस की छवि खराब करना मेरे के लिए अस्वीकार्य है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इच्छा है कि पार्टी आगामी चुनावों पर ध्यान केन्द्रित करे और कुशासन, किसानों एवं युवाओं की बदहाली, लचर कानून व्यवस्था और मादक पदार्थों के कारोबार के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करे क्यांेकि इन कारणों से पंजाब की जनता की हालत दयनीय है.’ इसके तुरंत बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने एआईसीसी महासचिव के रुप में कमलनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.