नयी दिल्ली: संप्रग सरकार के 10 साल के शासन को अर्थव्यवस्था के लिए ‘बर्बादी का दशक’ बताते हुए भाजपा ने आज कहा कि भारत को आज राजनीतिक नेतृत्व की वास्तविक खुराक चाहिए ताकि पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके .. इसीलिए भाजपा ने देश को नरेन्द्र मोदी के रुप में एक निर्णायक और प्रगतिशील नेता दिया है.
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की यहां दो दिवसीय बैठक के पहले दिन पारित आर्थिक प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘एक दशक के दौरान कीमतें, ब्याज दरें, भ्रष्टाचार, कृषि लागत, चालू खाता घाटा, राजकोषीय घाटा, बेरोजगारी कई गुना बढीं, जिससे लोगों को काफी कठिनाई पेश आयी.’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की ओर से पेश इस प्रस्ताव में कहा गया कि दूसरी ओर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद), रोजगार के अवसर, बुनियादी ढांचा विकास, कामगारों के वेतन, किसानों की आय कम हो गयी.
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बैठक के अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘अटल जी ने इस देश में पहली ‘ढांचागत क्रान्ति’ का नेतृत्व किया था .. वह मिशन अभी अधूरा है. उसे पूरा करने की अब यह महती जिम्मेदारी हमारे भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी निभाएंगे. हमारी सरकार का प्रयास होगा कि अगले पांच साल में जीडीपी के अनुपात में ढांचागत क्षेत्र में निवेश दोगुना किया जा सके.’’ प्रस्ताव के अनुसार भाजपा शासित राज्यों ने दिखाया है कि प्रतिकूल हालात में भी कैसे आर्थिक विकास हो सकता है. अच्छे और टिकाउ आर्थिक विकास को लेकर भाजपा का स्पष्ट नजरिया है. यह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग शासन के समय देखने को मिला था.