कानपुर: आईआईटी कानपुर से बैचलर आफ साइंस (बीएस फिजिक्स) करने वाली भोपाल की 23 वर्षीय छात्रा ने पटना के रहने वाले अपने एक साल सीनियर छात्र पर पिछले दो साल से यौन उत्पीडन करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच प्रशासन ने वुमेन सेल (महिला प्रकोष्ठ) से करवाई और मामला सही पाया. इसके […]
कानपुर: आईआईटी कानपुर से बैचलर आफ साइंस (बीएस फिजिक्स) करने वाली भोपाल की 23 वर्षीय छात्रा ने पटना के रहने वाले अपने एक साल सीनियर छात्र पर पिछले दो साल से यौन उत्पीडन करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच प्रशासन ने वुमेन सेल (महिला प्रकोष्ठ) से करवाई और मामला सही पाया.
इसके बाद छात्र को कालेज से टर्मिनेट (निष्काषित) कर दिया. छात्र ने इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुहार लगायी है. आईआईटी के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (डिप्टी रजिस्ट्रार) ने बताया कि बीएस फिजिक्स की तीसरे साल की छात्रा ने पांच जनवरी 2016 को संस्थान की वुमेन सेल को शिकायत की बीएस फिजिक्स के ही एक सीनियर छात्र ने पिछले दो वर्षो में कई बार उसका यौन उत्पीडन किया.
दोनों छात्र और छात्रा आईआईटी के ही अलग-अलग हास्टल में रहते थे. छात्रा की इस शिकायत पर आईआईटी प्रशासन ने वुमेन सेल को मामले की जांच करने को कहा. वुमेन सेल की जांच में छात्रा के आरोप सही पाये गये. इस बारे में जब छात्र से सवाल किये गये तो उसने इस बाबत कोई भी ठीक जवाब नहीं दिया. इसके बाद वुमेन सेल ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट आईआईटी प्रशासन को सौंपी. प्रशासन ने यह रिपोर्ट आईआईटी सीनेट में रखी उसके बाद सीनेट ने पांच अप्रैल 2016 को छात्र को आईआईटी से टर्मिनेट (निष्काषित) कर दिया. इसके बाद छात्र परीक्षा भी नही दे पाएगा.
आईआईटी से निष्काषन के बाद छात्र आआईटी प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट इलाहाबाद चला गया है. आईआईटी प्रशासन के अनुसार हाईकोर्ट से इस पूरे मामले की जानकारी मांगी गयी है जो हाईकोर्ट को उपलब्ध कराई जा रही है. आईआईटी निदेशक प्रो इन्द्रनील मन्ना ने इस मामले की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने इसके संबंध में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया.बाद में आईआईटी के निदेशक प्रो इंद्रनील मन्ना ने बताया कि बीएस की परीक्षायें शुरू हो चुकी हैं लेकिन आरोपी छात्र को परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया है.
इस निष्काषन में छात्र इलाहाबाद हाईकोर्ट चला गया है जिस पर हाईकोर्ट ने आईआईटी से कुछ सवाल पूछे हैं. जिसके जवाब हम हाईकोर्ट को भेजेंगे. उनसे पूछा गया कि छात्र की परीक्षा का क्या होगा. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हाईकोर्ट जो फैसला करेंगा उसे सीनेट में रखा जाएगा. उसके बाद हम हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई करेंगे.