नयी दिल्ली: राजनीतिक बदले की भावना से कार्य करने के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने आज कहा कि जांच आयोग उन मामलों की जांच करेगा, जिनमें कई राज्य शामिल हैं. इनमें गुजरात में एक महिला की कथित जासूसी और भाजपा नेता अरुण जेटली के काल डाटा रिकार्ड लीक होने के मामले शामिल हैं.
गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई बदले की भावना नहीं है. कोई राजनीति नहीं है. हम तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं और राष्ट्रपति के पास लोगों के ज्ञापन सौंपे जाने के बाद ऐसा किया गया है. हम जनता की इच्छा के अनुरुप कार्रवाई कर रहे हैं.’’ मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के निकट सहयोगी अमित शाह के कथित इशारे पर गुजरात में एक महिला की जासूसी की घटना का जिक्र करते हुए शिन्दे ने कहा कि पिछले लगभग डेढ महीने से मीडिया में इस संबंध में खबरें आ रहीं थीं. 47 महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा, जिसमें जांच का आग्रह किया गया था.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने ये ज्ञापन आवश्यक कार्रवाई के लिए गृह मंत्रलय को भेजे, जिसके बाद आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जांच आयोग के गठन का फैसला किया.
उन्होंने कहा कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में कई गंभीर मामले हैं और जांच आयोग के दायरे में ये सभी मामले आएंगे. गृह मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा की पूर्व सरकार ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कथित जासूसी करायी थी. सिंह उस समय मुख्यमंत्री नहीं थे. इस मामले की जांच भी केंद्रीय आयोग करेगा.