नयी दिल्ली:आम आदमी पार्टी(आप) ने दिल्ली में सरकार बनाने की घोषणा कर दी है. अब आप के सामने उनके द्वारा किये गये वादे को पूरा करने की चुनौती होगी. सरकार बनाने को लेकर आप ने सभाएं की जिसमें 23 सभाओं में लोगों ने कहा कि सरकार नहीं बने जबकि 257 सभाओं में उन्हें सरकार बनाने के लिए हरी झंडी मिली है. एक अंग्रेजी अखबार को दिए गये साक्षात्कार में केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार बनती है तो वे जंतर-मंतर,रामलीला मैदान या राजघाट में शपथ ग्रहण का आयोजन कर सकते हैं. आप के सभी विधायकों को आज सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक विधानसभा के संचालन के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है.
केजरीवालने कहा है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में स्वराज लाने का काम करेगी. जब केजरीवाल से आवास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी घर मिलेगा. उनसे जब चीफ मिनिस्टर के पद को चीफ सरवेंट का नाम देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये संविधान के अनुसार पद है इसमें वे छेड़-छाड़ नहीं करेंगे. अंग्रेजी अखबार की माने तो कैबिनेट में शामिल होने वाले विधायकों में मनीष सिसोदिया,सौरभ भारद्वाज,बिनोद बिन्नी,सोमनाथ भरती का नाम सामने आ रहा है.
आप के द्वारा किये गए टॉप 10 वादे
-बिजली के दामों में 50 फीसदी की कटौती.
-हर परिवार को 700 लीटर फ्री पानी.
-झुग्गियों को तब तक नहीं तोड़ा जाएगा जब तक पक्के मकान नहीं बन जाते.
-सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधा.
-सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा.
-अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना.
-दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाना.
-जनलोकपाल के आधार पर दिल्ली राज्य के लिए कानून बनाना.
-महिला सुरक्षा को लेकर कमांडो दस्ते बनाना.
-मोहल्ला सभाओं को ताकत देना.
‘आप’कीचुनौतियां
जनलोकपाल बिल
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार 15 दिनों में जनलोकपाल बिल (राज्य के संदर्भ में जनलोकायुक्त बिल) को कानून की शक्ल देंगे. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस के उन 8 विधायकों के लिए धर्मसंकट की स्थिति बनेगी जो ‘आप’ की संभावित सरकार को समर्थन दे रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता फरवरी तक लागू
आम आदमी पार्टी के नेता यह दावा कर रहे हैं कि वे सरकार में आते ही घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करेंगे. उनकी प्राथमिकता सूची में जनलोकपाल कानून, बिजली की कीमत आधी करना, हर परिवार को 700 लीटर पानी मुफ्त देना जैसे लोकलुभावन वादे शामिल हैं. लेकिन अरविंद और उनकी टीम अगर सरकार बनाती है तो उसके पास ऐसा करने के लिए सिर्फ डेढ़ महीने का समय होगा. मई तक होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता फरवरी तक लागू हो जाएगी.
स्थानीय समस्याएं