नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि कोष (इपीएफ) की निकासी परटैक्सलगाने के प्रस्ताव की चौतरफा आलोचना के बाद सरकार ने इसे वापस लेने का मन बना लिया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में वित्त मंत्र अरुण जेटली से चर्चा की और इस प्रस्ताव को वापस लेने को कहा है. वित्त मंत्री सदन में इपीएफ पर टैक्स वापसी की घोषणा कर सकते हैं.
EPF Tax: Decision taken on this will be announced by Finance Minister on the floor of the House (Sources to ANI)
— ANI (@ANI) March 5, 2016
इपीएफ टैक्स का विरोध
राष्ट्रीय स्वयंसेवाक संघ से जुडी भारतीय मजदूर संघ सहित कई यूनियनों और विपक्षी दलों ने इपीएफ पर टैक्स को कर्मचारी वर्ग पर हमला बताते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है. सरकार कह चुकी है कि यह प्रस्ताव केवल कोष के ब्याज आय तक सीमित है. जेटली ने कहा था कि इस पर अब कुछ प्रतिक्रिया हुई है. संसद में बहस के समय मैं सरकार की ओर से इसका जवाब दूंगा कि इस पर अंतिम निर्णय क्या होगा. जेटली ने कहा कि इस प्रस्ताव के पीछे उद्देश्य यह है कि 40 प्रतिशत निकासी पर कोई कर न लगे. इसका इस्तेमाल सेवानिवृत्ति के समय की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में किया जा सकता है.
राहुल गांधी का सरकार पर हमला
इपीएफ पर टैक्स को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कर्मचारियों को राहत देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ) पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव सरकार को वापस लेना चाहिए. राहुल ने पिछले दिनों संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा- ईपीएफ कर्मचारियों के लिए सुरक्षा जाल की तरह है और इस पर कर लगाना गलत है. मैं प्रधानमंत्री से यह ऐलान करने की अपील करूंगा कि कर प्रस्ताव वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि मोदी को यह प्रस्ताव वापस लेकर कर्मचारियों और वोटरों में विश्वास पैदा करना चाहिए.