नयी दिल्ली/हैदराबाद : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित रूप से देशद्रोही नारे लगने संबंधी जिन सात वीडियो पर हंगामा हुआ, उसमें दो के साथ छेड़छाड़ किया गया था और उसके कंटेंट के मूल स्वरूप को बदला गया था. यह जानकारी जांच करने वाली प्रयोगशाला के प्रमुख ने दी है. ध्यान रहे कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सभी सात वीडियो को फारेंसिक लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा था.
ये वीडियो हैदराबाद स्थित सत्यता जांच करने वाली लैबोरेटरी में भेजे गये थे. एनडीटीवी ने अपनी खबर में कहा है कि लैबोरेटरी के चेयरमैन केपीसी गांधी ने उससे इसकी पुष्टि की है कि दो वीडियो को डॉक्टरेट किया गया है. इनमें छेड़छाड़ कर दूसरी आवाज जोड़ी गयी है.
ये वीडियो यू ट्यूब व टि्वटर पर वायरल हो गये थे और काफी हंगामा बरपा था. गांधी ने कहा है कि वीडियो और आॅडियो में टूट है और अलग से उसमें आवाज डाली गयी है. उन्होंने कहा है कि अगर हमें वॉयस सैंपल मिले तो हम यह पता लगा लेंगे कि इसमें किसकी आवाज डाली गयी है.
मालूम हो कि जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी को लेकर छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में इस मामले में उमर खालिद और अनिर्बण भट्टाचार्य की भी गिरफ्तारी हुई. कल ही खालिद व भट्टाचार्य को 14 दिन के लिए जेल भेजा गया है. ये वीडिया नौ फरवरी के उस कार्यक्रम के बताये जा रहे हैं, कथित रूप से जिसे संसद हमलों के दोषी अफजल गुरु के लिए आयाेजित किया गया था.