22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2013 में मध्य प्रदेश में शिवराज की तीसरी बार हुई ताजपोशी

भोपाल : मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीसरी बार ताजपोशी राज्य की सबसे बडी राजनीतिक घटना रही. साल के अंतिम माह में सभी कयासों को धता बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर एक नया कीर्तिमान बनाया. राज्य में अब तक किसी भी दल ने लगातार तीसरी बार सरकार […]

भोपाल : मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीसरी बार ताजपोशी राज्य की सबसे बडी राजनीतिक घटना रही. साल के अंतिम माह में सभी कयासों को धता बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर एक नया कीर्तिमान बनाया. राज्य में अब तक किसी भी दल ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाबी हासिल नहीं की थी.

मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत का श्रेय पूरी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खाते में गया है. मुख्यमंत्री चौहान ने बडी खूबी से सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिये चुनाव के छह माह पहले से ही जन आशीर्वाद यात्र शुरु कर दी थी और इस दौरान उन्होने गांव गांव जाकर सरकार की उपलब्धियों का बखान किया.

भाजपा ने चुनाव की तैयारियां काफी पहले ही शुरु कर दी थी और इसके लिये उन्होने न केवल युवाओं को रिझाने का काम शुरु किया बल्कि मतदान केंद्र तक के कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण सम्मेलन आयोजित किये जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस चुनाव अभियान में भाजपा के मुकाबले शुरु से ही पिछड गई थी.कांग्रेस द्वारा पूर्व में घोषणा की गई थी कि उसके उम्मीदवारों की घोषणा चुनाव से छह माह पूर्व कर दी जायेगी लेकिन नामांकन भरने के आखिरी दिन तक उम्मीदवारों की घोषणा की गई, जिसके चलते उसका चुनाव प्रचार अभियान भाजपा के मुकाबले पिछड गया और कांग्रेस को भारी पराजय का मुंह देखना पडा.

कांग्रेस की ओर से यह भी घोषणा की गई थी कि इस बार राहुल फामरूले के अनुसार टिकट बांटे जायेंगे लेकिन टिकट वितरण में ऐसा कोई प्रभाव नहीं देखा गया. बडे नेताओं को उम्मीदवारों की जीत की जिम्मेदारी दी गई लेकिन विंध्य प्रदेश को छोडकर कहीं भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी.

मादक पदार्थों की लत और इनका अवैध कारोबार सरकार के लिए लगातार चुनौती बने रहे. भोला-कहलों गैंग के पर्दाफाश से राज्य में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों के उत्पादन के नए पहलुओं और राजनीति में मादक पदार्थों के धन के इस्तेमाल की बात सामने आई.

मार्च में पुलिस ने अनिवासी भारतीय अनूप सिंह कहलों को गिरफ्तार किया और 130 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए. उससे हुई पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह का सरगना पंजाब पुलिस का बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला था जो सीमा पार से मादक पदार्थ हासिल करता था और देश के अन्य हिस्सों में इसकी तस्करी करता था.

कहलों से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने ओलंपिक विजेता विजेंद्र सिंह के रुममेट बॉक्सर राम सिंह को गिरफ्तार किया. जांच आगे बढ़ी तो अकाली दल के नेता मनिंदर सिंह औलख और जगजीत सिंह चहल की गिरफ्तारी तक पहुंच गई. औलख सांसद रतन सिंह अजनाला और उनके विधायक पुत्र अमरपाल सिंह बोनी का करीबी था.सुखबीर ने अपनी पार्टी के सांसद और उनके बेटे को क्लीन चिट दे दी. इस पर कांग्रेस ने काफी हो हल्ला किया और सीबीआई जांच की मांग की.

इस साल अकाली नेता कानून के साथ बार..बार रस्साकसी करते नजर आए.फरवरी में पटियाला के महापौर और अकाली नेता जसपाल प्रधान को अपने खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज होने के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.

सतर्कता ब्यूरो द्वारा मार्च में क्लीन चिट दिए जाने के बाद माझा क्षेत्र के वरिष्ठ दलित नेता गुलजार सिंह रानिके की कैबिनेट में वापसी हुई. उन्हें पिछले साल सीमा विकास घोटाले में उनके निजी सहायक की संलिप्तता के बाद इस्तीफा देना पड़ा था.शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को सरकारी स्कूलों के लिए किताबें खरीदने में अनियमितताओं के आरोपों का सामना करना पड़ा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें