नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाने का आरोप झेल रहे छात्र उमर खालिद और अन्य आज दिल्ली हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं. खबरे आ रही हैं कि सुरक्षा मुहैया कराने की शर्त पर सभी आत्मसमर्पण भी कर सकते हैं. हालांकि 10 दिनों बाद कॉलेज परिसर में दिखने के बाद अपने बचाव में सभी छात्रों ने यही कहा कि उन्होंने देशविरोधी नारे नहीं लगाये. खबरे आ रही हैं कि याचिका में वह हाईकोर्ट से सुरक्षा और कोर्ट में ही समर्पण करने की मांग करेंगे. उन्होंने कन्हैया कुमार के साथ पटियाला हाउस में हुए हंगामे को आधार बनाया है. सोमवार को तकनीकी ग्राउंड पर याचिका दाखिल नहीं हो पायी थी. हाई कोर्ट ने उमर खालिद के आत्मसमर्पण के साथ सुरक्षा मांगने के मामले पर सुनवाई को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के उस मामले पर भ सुनवाई की मंजूरी दी है जिसमें दिल्ली पुलिस जेएनयू कैंपस में घुसकर देशद्रोह के आरोपी छात्रों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश मांग रही है.
जेएनयू प्रशासन ने नहीं लिया कोई निर्णय
10 दिनों तक गायब रहने के बाद कॉलेज परिसर में दिखें आरोपी छात्रों का कल तक यही कना था कि वे समर्पण नहीं करेंगे क्योंकि उनके खिलाफ फर्जी आरोप हैं जबकि दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने उनसे जांच में शामिल होने और अपनी बेगुनाही साबित करने को कहा था. दस दिनों तक नदारद रहने के बाद कैंपस में नजर आए पांच छात्रों के मुद्दे पर कुलपति जगदीश कुमार की अध्यक्षता में जेएनयू के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक हुई लेकिन यह फैसला नहीं हो पाया कि क्या पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने देने के लिए कैंपस में आने की अनुमति देनी चाहिए या छात्रों से समर्पण के लिए कहा जाए.
10 दिनों तक गायब थे आरोपी छात्र
देशद्रोह के आरोप में जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ्तारी के बाद पांच छात्र – उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, जेएनयूएसयू महासचिव रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश 12 फरवरी के बाद से कैंपस से गायब थे. नागा ने कहा, ‘पुलिस ने हमें कोई समन जारी नहीं किया है. हम इस डर से छिपे हुए थे कि जिस तरह अदालत में कन्हैया पर हमला हुआ वैसा हमला हम पर भी हो सकता था.’ नागा ने कहा कि पहले ही स्पष्ट हो गया कि कन्हैया और पांच अन्य पर जिस वीडियो के आधार पर देशद्रोह के आरोप लगाये गये वो फर्जी है और वे कभी भी भारत-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नहीं थे.
उन्होंने कहा, ‘प्राथमिकी में हमारा नाम क्यों शामिल किया गया? इसलिए कि हम सरकार की नीतियों के खिलाफ लड रहे हैं. संदेश स्पष्ट है कि अगर हम उनके खिलाफ आवाज उठाएंगे तो हमपर देशद्रोही का ठप्पा लगाया जाएगा.’ मुख्य आरोपी छात्र उमर खालिद ने कहा कि पिछले सप्ताह उन्हें अपने बारे में उन चीजों के बारे में पता चला जिसके बारे में पहले पता नही था. तडके विश्वविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में 500 से ज्यादा छात्रों के जमावडे को संबोधित करते हुए उमर ने कहा, ‘लोगों ने मुझे पिछले सप्ताह चीजों के बारे में बताया जो मैं खुद ही नहीं जानता था. वे सोचते हैं कि मैं 17-18 यूनिवर्सिटी में यह कार्यक्रम करने की सोच रहा था जबकि जेएनयू के भीतर मेरा कोई प्रभाव नहीं है.’
बीएस बस्सी ने छात्रों को आत्मसमर्पण की सलाह दी
सोमवार को पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की और उन्हें जेएनयू विवाद के बारे में अवगत कराया. बस्सी ने कहा, ‘पुलिस उन्हें ढूंढ रही है उन्हें जांच में शामिल होना चाहिए. अगर वे बेगुनाह हैं तो उन्हें अपनी बेगुनाही के सबूत प्रस्तुत करने चाहिए.’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली पुलिस कानून का पालन करने वाला निकाय है और हम किसी के खिलाफ नाइंसाफी में लिप्त नहीं है. हर किसी को याद रखना चाहिए न्याय की सीढी में पुलिस का पहला स्थान है.’ मीडिया में छेडछाड वाले वीडियो के प्रसारण और इसकी सत्यता के बारे में पूछे जाने पर बस्सी ने कहा, ‘जांच में जिस फुटेज का इस्तेमाल होता है हम हमेशा उसकी सत्यता की पुष्टि करते हैं.’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आयुक्त और राज्यपाल के बीच यह नियमित मुलाकात थी. जेएनयू विवाद पर उपराज्यपाल को अवगत कराया गया.’
एबीवीपी का आरोप – प्रोफेसरों ने छुपाया था आरोपियों को
एबीवीपी के सदस्यों ने आरोप लगाया कि देशद्रोह मामले में पुलिस को वांछित और 10 दिनों तक नदारद रहने के बाद कैंपस में नजर आए पांच छात्र जेएनयू प्रोफेसरों के आवासों में छिपे हैं और मामले की जांच कराने की मांग की. जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा ने प्रेस से मुलाकात में कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि ये छात्र परिसर में प्रोफेसरों के आवासों में छिपे हैं. हम इसकी जांच की मांग करते हैं और विश्वविद्यालय इन छात्रों का समर्थन करने वाले अध्यापकों को भी दंडित करे.’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि जेएनयू प्रशासन, विश्वविद्यालय सुरक्षा और पुलिस रणनीति पर विचार करे कि किस तरह कैंपस की शांति में बिना बाधा डाले ऐसा किया जाए.’ उधर, भाजपा ने आज कहा कि जेएनयू प्रशासन को आरोपी छात्रों को पुलिस के हवाले कर देना चाहिए. साथ ही कहा कि जो लोग उन्हें ‘बचा’ रहे हैं उन्हें चाहिये कि वे कानून को अपना काम करने दें. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और वाम दलों के नेताओं को एक बार फिर कैंपस जाना चाहिए और जिन आरोपियों को वे ‘बचा’ रहे हैं उन्हें पुलिस के समक्ष समर्पण कराना चाहिए.