नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में पेश करने के प्रयासों की हवा निकालते का प्रयास किया और कहा कि किसी को भी यह स्पष्ट किये बिना सिर्फ मजूबूत नेतृत्व की बात नहीं करनी चाहिए कि उसका उपयोग किस मकसद के लिए किया जायेगा.
सिंह ने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संवोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर भी अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे वादे नहीं किये जाने चाहिए जो संभावनाओं के दायरे से बाहर हो.
विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली भारी पराजय के बाद अपनी पहली बड़ी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के पहले पार्टीजनों को निराश नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव जरूरी नहीं कि इस बात के संकेत हों कि कुछ ही महीने बाद होने वाले आम चुनाव में क्या होगा. हम इस बात को अतीत की घटनाओं से जानते हैं. उन्होंने इस संदर्भ में 2003 के विधानसभा चुनावों का उल्लेख किया जब राजग ने अच्छा (प्रदर्शन) किया था जबकि इसके कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में संप्रग सत्ता में आ गयी.
सिंह ने कहा, कुछ अन्य राजनीतिक दलों से भिन्न, भविष्य के लिए हमारे कार्यक्रम सिर्फ उन वादों पर ही आधारित नहीं होने चाहिए जो संभावनाओं के दायरे से बाहर हों. और न ही हमें इस बात की चर्चा किये बिना सिर्फ मजबूत नेतृत्व की बात करनी चाहिए कि नेतृत्व का इस्तेमाल किस लिये किया जायेगा और किस तरह के निर्णय किये जायेंगे.