नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने संगीन अपराधों में दोषी ठहराये जाने के बाद सजा पाने वाले सांसदों और विधायकों को सदस्यता से अयोग्य घोषित करने और ऐसे सदस्यों की सीट रिक्त घोषित करने का निर्देश देने संबंधी निर्णय के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से आज इनकार कर दिया.
गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी ने शीर्ष अदालत के 10 जुलाई के आदेश में सुधार के लिए दो अर्जियां दाखिल की थी जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि संसद या विधान मंडलों के वर्तमान पीठासीन उन सदस्यों की अयोग्यता पर प्रभाव नहीं पड़ेगा जो यह फैसला सुनाये जाने से पहले दोषी ठहराये गये थे.
दूसरी अर्जी में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और कांग्रेस नेता रशीद मसूद को दोषी ठहराये जाने के कारण उनकी संसदीय सीटों को रिक्त घोषित करने का निर्देश देने अनुरोध किया था. शीर्ष अदालत ने इसे भी अस्वीकार कर दिया क्योंकि संबंधित सदन से उनकी अयोग्यता के बारे में पहले ही अधिसूचना जारी की जा चुकी है.
न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमर्ति ए के सीकरी की खंडपीठ ने लालू प्रसाद और रशीद मसूद की सीट से संबंधित अर्जी पर कहा, यदि दोनों सदनों में रिक्त स्थान को अधिसूचित नहीं किया गया होता, तो कार्यवाही का नया मामला होगा. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले मंे 30 सितंबर को सजा हुई थी जबकि रशीद मसूद को मेडिकल प्रवेश घोटाले में दोषी ठहराया गया था. दोनों ही इस समय जमानत पर हैं.
न्यायालय ने 10 जुलाई के आदेश में सुधार का आग्रह ठुकराते हुये कहा कि इस निर्णय के सुनाये जाने से पहले सजा पाने वाले संसद के पीठासीन सदस्यों से संबंधित सवाल पर उसी निर्णय में व्यवस्था दी जा चुकी है.