रालेगणसिद्धि : लोकपाल विधेयक जल्द पारित किए जाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि वह विधेयक पारित होने के बाद ही अपनी भूख हड़ताल समाप्त करेंगे. उन्होंने कहा कि वह जल्द नहीं मरना चाहते क्योंकि अभी उन्हें अन्य बहुत से मुद्दों के लिए लड़ाई लड़नी है.
संशोधित विधेयक पर संतोष व्यक्त करते हुए और इसके लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए उन्होंने इसे लोगों और समाज दोनों के लिए अच्छा करार दिया तथा उम्मीद जताई कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए राज्यों में जल्द लोकायुक्त भी नियुक्त किए जाएंगे.
हजारे ने कहा, जब तक विधेयक पारित नहीं हो जाता मैं अपना अनशन समाप्त नहीं करुंगा..मैं जल्द नहीं मरना चाहता. मैं देश के लिए जीना और देश के लिए संघर्ष करना चाहता हूं. मुझे खारिज करने का अधिकार और वापस बुलाने का अधिकार जैसे बहुत से मुद्दों के लिए भी लड़ना है. वह गत 10 दिसम्बर से अपने गांव में यादवबाबा मंदिर में अनशन पर बैठे हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यों में लोकायुक्तों के गठन तथा सिटीजन चार्टर लागू करने जैसी शेष चीजें भी जल्द पूरी होंगी.
हजारे ने कहा, मैं सरकार के विधेयक का स्वागत करता हूं. यह विधेयक जनता के हित में है. मैं आभारी हूं कि सरकार विधेयक लेकर आई..मेरा मानना है कि यह एक अच्छा विधेयक है. यह समाज और जनता दोनों के लिए अच्छा होगा. इसीलिए मैंने इसका स्वागत किया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मैंने विधेयक के प्रावधानों को ठीक ढंग से पढ़ा है. यदि आपको (अरविन्द केजरीवाल) को लगता है कि विधेयक में कुछ कमियां हैं तो उसके लिए अनशन करिये. हजारे ने कहा कि विधेयक से उनकी कई उम्मीदें पूरी हो गई हैं और जो विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया है उससे वह संतुष्ट हैं.
उन्होंने कहा, हमने सिटीजन चार्टर सहित जिन तीन मुद्दों को लेकर पूर्व में आंदोलन किया था उसे भी पूरा किया गया है. उनके और केजरीवाल के बीच मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर हजारे ने कहा, मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता..हम झगड़ा क्यों करें. अन्ना हजारे ने कहा, इस विधेयक में सीबीआई से सरकारी नियंत्रण हटा दिया गया है. मैंने ऐसे 13 बिंदु देखे और सरकार से कहा है मैं इनका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा, इसीलिए मैंने सोचा कि यह विधेयक देश की जनता के लिए लाभकारी है.
उन्होंने कहा, मैंने सरकार से कहा कि मैं विधेयक को राज्यसभा में पेश करने के लिए आभारी हूं. इसे सदन के दोनों ही सदनों में पेश करिये. यदि जरुरी हो तो संसद की अवधि बढ़ा दें. हजारे ने कहा, यद्यपि मुझे पक्का भरोसा है कि इसकी जरुरत ना पड़े क्योंकि लोग कह रहे हैं कि राज्यसभा में कल सबसे पहले चर्चा विधेयक पर ही होगी.
उन्होंने विधेयक का समर्थन करने के लिए कांग्रेस और भाजपा सहित प्रमुख राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया और कहा कि कुछ लोग इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं. विधेयक पारित होने के दौरान यदि कुछ हंगामा होता है तो विधेयक को भले ही हंगामे के बीच पारित करें लेकिन पारित करें.
उन्होंने कहा, संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने में अभी भी पांच दिन शेष हैं. आपकी यदि इच्छा हो तो इस दौरान इसे दोनों सदनों में लाया जा सकता है. यदि समय की कमी है तो सत्र की अवधि को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दीजिये. हजारे ने हालांकि, यह सलाह भी दी कि शिकयत के झूठा पाए जाने पर शिकायतकर्ता पर लगाया जाने वाले जुर्माने में कमी की जानी चाहिए. उन्होंने सूचना के अधिकार को धंधा बनाने वाले कार्यकर्ताओं पर हमला बोलते हुए यह सलाह भी दी कि सरकार को किसी व्यक्ति के लिए सूचना पाने के अवसरों की संख्या को सीमित कर देना चाहिए.
हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने कहा, यदि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि वर्तमान विधेयक कमजोर है तो उन्होंने उसे ठीक ढंग से पढ़ा नहीं है. उन्हें उसे पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई मामला सीबीआई को सौंपा जाता है तो सरकार उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी.
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, केजरीवाल को विधेयक पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, कल मैं दिल्ली में रहूंगी, मैं राज्यसभा की कार्यवाही देखूंगी और अन्ना को सूचित करुंगी कि क्या चल रहा है. बेदी ने कहा, जो लोग लोकपाल को जोकपाल कह रहे हैं उन्होंने उसे पढ़ा और समझा नहीं है. उन्हें मसौदे का अध्ययन करना और उसके बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए.