नयी दिल्ली: सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपये प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी. किसान इस खाद का इस्तेमाल जैविक उर्वरक केरूप में कर सकते हैं.केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने शहरी खाद की बिक्री पर 1,500रुपये प्रति टन की मदद को मंजूरी दी है. इस खाद का इस्तेमाल किसान जैविक उर्वरक केरूप में कर सकते हैं. ‘ इस बाजार विकास सहायता से किसानों के लिए इसकी खुदरा कीमत में कमी आने की उम्मीद है. इस समय शहरी खाद 5,500 रुपये प्रति टन की दर से बेची जा रही है और इस क्षेत्र में आइएलएफएस व कृभको मुख्य कंपनियां हैं.
कुमार ने कहा कि उक्त शहरी खाद काफी पोषक होती है और मंत्रिमंडल ने फैसला सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए किया है. शहरी कचरे से बनने वाली खाद से मृदा को कार्बन के साथ साथ प्राथमिक या द्वितीयक पोषक तत्व ही नहीं मिलते यह शहरों को स्वच्छ रखनेमें भी मदद करती है.
देश में लग्भग सालाना 6.2 करोड़ टन शहरी कचरा पैदा होता है, लेकिन इसमें से ज्यादातर को रिसाइक्लि नहीं किया जाता. फिलहाल इस तरह के कचरे से 1.5 लाख टन खाद बनती है जबकि 50 लाख टन तक खाद बनाई जा सकती है. सरकार का यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के 2004 के आदेश के बाद आया है. इस आदेश में शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को शहरी ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है.