नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में आज लोकसभा लगातार पांचवें दिन भी ठप रही और प्रश्नकाल सहित कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका. विभिन्न मुद्दों को लेकर सदस्यों द्वारा किए गए हंगामे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद जहां एक बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी वहीं सदन अविश्वास प्रस्ताव के नोटिसों पर विचार करने में भी विफल रहा.
एकीकृत आंध्र प्रदेश मुद्दे पर तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस, संघ लोक सेवा आयोग में भारतीय भाषाओं की कथित उपेक्षा पर जनता दल यू और राजद तथा उत्तर प्रदेश की कुछ अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों को अनुसूचित जाति सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर सपा सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक को दो बार के स्थगन के बाद करीब एक बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. तेदेपा और वाईएसआर सदस्यों ने अपने मुद्दों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की. सीमांध्र से कांग्रेसी सदस्य अपने स्थान से खड़े होकर नारेबाजी करते हुए उनका समर्थन कर रहे थे.
सुबह कार्यवाही शुरु होने पर अध्यक्ष ने विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को न्यायमूर्ति ए के गांगुली मुद्दे और जनता दल यू के नेता शरद यादव को संघ लोक सेवा आयोग में भारतीय भाषाओं की कथित उपेक्षा के मुद्दे पर अपनी बात रखने का मौका दिया. इन दोनों नेताओं द्वारा अपनी बात कह लेने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा.
भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले की 12वीं बरसी पर आतंकियों के मनसूबों को नाकाम करने में अद्भुत वीरता का परिचय देने और अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सुरक्षाकर्मियों एवं कर्मचारियों को लोकसभा ने आज श्रद्धांजलि दी गई और सभी तरह के आतंकवाद का दृढ़तापूर्वक मुकाबला करने का संकल्प भी लिया गया.