रालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र) : अन्ना हजारे ने संसद में जनलोकपाल विधेयक तत्काल पारित कराने को लेकर सरकार पर दबाव डालने के लिए आज यहां अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दी.
हजारे ने अपना उपवास शुरु करने से पहले संवाददाताओं से कहा, मैंने उपवास शुरु करने से पहले एक स्थानीय मंदिर में पूजा अर्चना की और ईश्वर से जनलोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार को सदबुद्धि देने के लिए कहा. हजारे ने कहा, राष्ट्र निर्माण की दिशा में जनलोकपाल विधेयक एक बड़ा कदम होगा. कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि समय आ गया कि संप्रग सरकार अपने वादे पूरे करे या सत्ता छोड़े. जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर दिल्ली में कई बार अनशन कर सुर्खियों में आए अन्ना हजारे इस बार अपने मूल गांव रालगेण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर में उपवास कर रहे हैं.
हजारे ने कहा कि हाल के विधानसभा चुनावों में मिली करार हार के बाद कांग्रेस को वास्तविकता समझनी चाहिए और संसद के शीत सत्र में लोकपाल बिल पारित कराना चाहिए. पिछले हफ्ते हजारे ने संवाददाताओं से कहा था कि संसदीय मामलों के मंत्री वी नारायणसामी ने लोकपाल विधेयक लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्हें एक चिठ्ठी भेजी थी.
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, अगर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संसद में सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा निरोधक विधेयक पारित कराने का वादा कर सकते हैं तो वह ऐसा ही भ्रष्टाचार विरोधी विलंबित कानून के लिए क्यों नहीं कर सकते. दिल्ली में अपने पूर्व के अनशन को याद करते हुए हजारे ने कहा, सोनिया गांधी ने मुझे चिठ्ठी लिखी थी जिसमें कहा था कि सरकार जनलोकपाल विधेयक लाने के लिए तैयार है और मुझसे अनशन खत्म करने के लिए कहा.
मैंने उनपर विश्वास किया और अपना अनशन खत्म कर लिया. उन्होंने कहा, मुझे पता नहीं था कि संप्रग सरकार जनता को और मुझे धोखा देगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने उपवास के समर्थन के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविन्द केजरीवाल का रालेगण सिद्धि आने पर स्वागत करेंगे, गांधीवादी नेता ने कहा, केजरीवाल समेत हर किसी का स्वागत है. लेकिन एकमात्र शर्त है कि वह किसी राजनीतिक दल का बैनर लेकर ना आए.