श्रीनगर : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की और उनके पिता तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक-संवेदना प्रकट की. इस मुलाकात को राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
दिल्ली से यहां पहुंची सोनिया गांधी अपराह्न तीन बजे हवाईअड्डे से सीधे यहां गुपकर में महबूबा के फेयरव्यू आवास पहुंची. वह करीब 20 मिनट तक पीडीपी अध्यक्ष के साथ रहीं. कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर और पार्टी नेता सैफुद्दीन सोज भी थे.
सोनिया और महबूबा की मुलाकात को राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पीडीपी की सहयोगी भाजपा ने मुफ्ती के निधन के बाद अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा को औपचारिक समर्थन नहीं जताया है.
कांग्रेस पहले 2002 से 2008 के बीच पीडीपी के साथ जम्मू कश्मीर की सत्ता में साझेदारी कर चुकी है जिसमें तीन-तीन साल के अंतर पर दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री रहे. बाद में 2008 में वे अलग हो गये. सोनिया गांधी के यहां पहुंचकर महबूबा से मुलाकात करने को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की खबरें हैं कि पीडीपी और भाजपा नयी सरकार के गठन पर नये सिरे से बातचीत कर रहे हैं.
पीडीपी पहले ही राज्यपाल एन एन वोहरा को एक पत्र दे चुकी हैं जिसमें कहा गया है कि पार्टी के सभी 27 विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा का समर्थन करते हैं. लेकिन खबरों के मुताबिक महबूबा ने कहा है कि वह अपने पिता के निधन के शोक के चौथे दिन तक शपथग्रहण नहीं करेंगी.
वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी और भाजपा दोनों से सरकार गठन पर अपनी स्थिति तत्काल स्पष्ट करने को कहा था. भाजपा ने अपनी स्थिति नहीं बताई, जिसके बाद राज्यपाल ने कल राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया. इधर टाइम्स नाउ के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर बीजेपी ने पीडीपी के सामने शर्त रखी है. भाजपा ने ‘बारी-बारी से सीएम’ की शर्त रखी है. हालांकि पीडीपी ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया है.
* हमारे व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्मृतियों में बने रहेंगे मुफ्ती : सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महबूबा को भेजे शोक संवेदना जताने वाले पत्र में मुफ्ती मोहम्मद सईद को एक ‘‘बहुत अच्छा प्रशासक बताया जो जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण को प्रतिबद्ध’ थे. सोनिया ने सईद को एक ऐसा व्यक्ति बताया जिनके भीतर विविधता का सम्मान एवं सहिष्णुता संबंधी सर्वोत्तम भारतीय मूल गुण परिलक्षित होते थे.’ कांग्रेस पार्टी की ओर से यहां जारी पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्ती साहेब पार्टी सीमाओं से उपर थे. वह पार्टी संबद्धता से परे थे. वह सभी के थे. उनमें विविधता का सम्मान एवं सहिष्णुता संबंधी सर्वोत्तम भारतीय मूल गुण परिलक्षित होते थे.’
सोनिया ने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री सर्वश्रेष्ठ मानव मूल्यों के प्रतीक थे. उन्होंने कहा, ‘‘(वह) सबसे अधिक दबाव में भी देखभाल करने वाले, शांत और दयालु थे और सभी तक पहुंच बनाते थे और सभी से सम्पर्क रखते थे और लोगों को साथ लाते थे और पूर्वाग्रह से मुक्त थे.’ कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘‘2002 में मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने स्वयं मरहम लगाने का संकल्प लिया.
उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन उनका व्यक्तित्व इतना ताकतवर था और उनका ऐसा विश्वास था कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों में चेतना पैदा की वह उनसे सफलतापूर्वक सामना कर पाये और उनसे किया वादा पूरा किया.’ सोनिया ने कहा, ‘‘मुफ्ती साहेब हम सभी को अचानक छोड़ गए लेकिन वह हमारे व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्मृतियों में बने रहेंगे. वह जम्मू कश्मीर और देश की बेहतरीत मिश्रित परंपराओं के एक उदाहरण के रुप में बने रहेंगे.’