नयी दिल्ली: ज्यादातर चुनाव सर्वेक्षणों में चार राज्यों में कांग्रेस की पराजय के अनुमानों के बीच कांग्रेस ने पुराने रुझानों का हवाला देते हुए अब चर्चा को विधानसभा चुनाव की बजाय लोकसभा चुनाव की ओर मोड़ने का प्रयास शुरु कर दिया है. पार्टी का कहना है कि प्रांतीय चुनावों के नतीजों का लोकसभा चुनावों पर कोई असर नहीं होता.
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के दिल्ली मामलों के प्रभारी शकील अहमद ने ट्विटर पर अपनी टिप्पणी में कहा, ‘‘भाजपा को जश्न मनाने में सावधान रहना चाहिए भले ही चुनाव पूर्व और चुनाव पश्चात सर्वेक्षण सही हों. हम 1998 के चुनाव में इन चारों राज्यों में जीते थे लेकिन 1999 का लोकसभा परिणाम हमारे लिए आंख खोलने वाला था.’’ वर्ष 1999 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग की सरकार सत्ता में आयी थी हालांकि दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली थी.
ताजा विधानसभा चुनाव पश्चात सर्वेक्षण के नतीजों में इन चारों राज्या में कांग्रेस का सफाया दिखाया गया है. हालांकि इन चारों राज्यों में मतगणना कल होने वाली है. अहमद ने अपनी इस दलील को आगे बढाते हुए कहा कि 1998 और 1999 में ही ऐसा नहीं हुआ, बल्कि 2003 में भी यह हुआ. उस समय भाजपा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ विधानसभा चुनाव अच्छे बहुमत से विजयी हुई लेकिन इसके एक साल बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में उसकी सरकार चली गयी.