इंदौर : योगगुरू रामदेव ने देश में इन दिनों ‘सियासी असहिष्णुता’ के चरम पर पहुंच जाने का दावा करते हुए कहा कि इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पार्टी भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है. रामदेव ने कल रात यहां संवाददाताओं से कहा, ‘देश में इन दिनों राजनीतिक असहिष्णुता चरम पर है. इसलिए कोई मोदी को कोस रहा है, तो कोई जेटली और भाजपा को कोस रहा है.’ वह भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश की लिखी पुस्तक ‘देव से महादेव’ के विमोचन समारोह मेंं हिस्सा लेने यहां आये थे. रामदेव ने इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत में यह आरोप सिरे से खारिज कर दिया कि भारत में धार्मिक असहिष्णुता बढ रही है. उन्होंने कहा, ‘मैंने भारत में एक बार भी धार्मिक असहिष्णुता नहीं देखी. लेकिन इस देश के सवा सौ करोड़ लोग सियासी असहिष्णुता के शिकार हैं जिनमें मैं खुद भी शामिल हूं.’
नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपों का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल पर कटाक्ष करते हुए रामदेव ने आरोप लगाया, ‘पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के शासनकाल में सोनिया ने मेरे खिलाफ हजारों जांचें करायीं. मैंने तो ये हजारों जांचें सह लीं. सोनिया और राहुल को कम से एक बार तो जांच सहन करनी चाहिये.’ उन्होंने भगवान राम को ‘भारत के प्राण और राष्ट्रीय स्वाभिमान’ बताते हुए कहा कि अयोध्या मेंं राम मंदिर निर्माण के मामले को सियासी मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिये, क्योंकि यह विषय लोगों की आस्था से जुड़ा है. रामदेव से जब पूछा गया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मसले को हल करने के लिए दोनों पक्षों को अदालत के बाहर सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिये, तो उन्होंने कहा, ‘क्या यह निर्णय अदालत करेगी कि राम कहां पैदा हुए थे. सारा हिंदुस्तान और पूरा जहां जानता है कि राम अयोध्या में पैदा हुए थे. लिहाजा अयोध्या में उनका मंदिर बनना ही चाहिए.’ उन्होेंने एक सवाल पर कहा कि जनता को भरोसा रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री विदेशी बैंकों में जमा काले धन को भारत वापस लाने का अपना चुनावी वादा निभायेंगे.