नयी दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से एक तीर से तीनअलगअलग मुद्दे पर निशाना साधा है. जेटली ने संसद के शीत सत्र में कांग्रेस के हंगामे, दिल्ली का केजरीवाल सरकार द्वारा डीडीसीए पर बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र और फिर कीर्ति झा आजाद पर कार्रवाई किये जानेके प्रतिक्रिया स्वरूप पार्टी के मार्गदर्शक मंडल के नेताओं की बैठकतीनों बिंदुओं पर निशाना साधा है.
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है किकुछमाहपूर्व भी भाजपा के कुछसदस्यों ने एक बैठक की थी और बयान जारी किया था, जिसे पार्टी ने कोई तवज्जो नहीं दी थी. ध्यान रहे कि कीर्ति को कल पार्टी ने डीडीसीए मुद्दा उठाये जाने पर निलंबित कर दिया है. इसके बाद कीर्ति ने मार्गदर्शक मंडल के नेताओं से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की थी, जिसको लेकर आज मुरली मनोहर जोशीकीमौजूदगी मेंउनके घर पर लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा व शांता कुमार के घर पर बैठक हुई, जिसमें सूत्रों के हवाले से खबर आयी कि जेटली के खिलाफ डीडीसीए जांच पर जोर दिया गया. जेटली ने लिखा है कि पिछलीबार हुई बैठक को लेकर पार्टी केवैसे नेताओं को चेताया गया था कि वे ऐसे बयान जारी करने से परहेज करें और उस चेतावनी का असर दिखा है. ध्यान रहे कि आज मार्गदर्शक मंडल के नेताओं ने बिहार चुनाव की हार के बाद की तरह कोई बयान डीडीसीए व कीर्ति झा आजाद के मुद्दे पर नहीं जारी किया है.
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में आम आदमी पार्टी की राजनीति व व्यवहार को निचले दर्जे का बताया है. उन्होंने लिखा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं व उनके समर्थकों का व्यवहार व बयान राजनीति के निचले दर्जे का है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा के अंदर व बाहर प्रधानमंत्री व दूसरे नेताओं के बारे में किस तरह का बयान देते हैं? उन्होंने कहा कि राजनीति में स्तरहीन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकता. भारत की जनता कीसोच हमेशा राजनीति में स्वच्छ वातावरण की रही है. उन्होंने लिखा है कि आप आदमी पार्टी के लोग झूठ बोलते हैं और किसी बिंदु विशेष पर बात नहीं करते. उन्होंने लिखा है कि आम आदमी पार्टी ने राजनीति का स्तर गिराया है.
अरुण जेटली ने संसद की कार्यवाही अटकाने के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की है. उन्होंने एक बार फिर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा स्थापित संसदीय परंपरा का उल्लेख किया है. उन्होंने पूछा है कि क्या जीएसटी बिल को पारित नहीं हो पाने व बजट सत्र तक लटकने का खामियाजा देश नहीं भुगतेगा? उन्होंने लिखा है कि आखिर आखिरी दिन क्यों बिना चर्चा के अहम विधेयकों को पारित करना पड़ा? उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को भारत सबसे बड़ी ताकत बताया है. उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस के ज्यादातर नेता भी निजी बातचीत में संसद की कार्यवाही को अटकाये जाने को लेकर स्वयं को असहाय बताते थे.