नयी दिल्ली: भारत द्वारा आसियान के साथ सेवा एवं निवेश मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने के मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में काफी मतभेद देखने को मिला. रपटों के अनुसार वित्तमंत्री पी चिदंबरम तथा वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा में इस मुद्दे पर मतभेद था.
सूत्रों के अनुसार चिंदबरम का मानना था कि शर्मा को इस समझौते पर वित्त मंत्रलय से परामर्श करना चाहिए था. इस समझौते पर अगले महीने बाली में हस्ताक्षर होने की संभावना है. शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्रलय के साथ बैठक हुई थी जबकि चिदंबरम ने माना जाता है कि अपना पक्ष रखने के लिए बैठकों का ब्यौरा पेश किया.
सूत्रों के अनुसार चिदंबरम ने कहा कि वाणिज्य मंत्रलय ने इस मुद्दे पर कई बैठक की लेकिन उनमें वित्त मंत्रलय को शामिल नहीं किया गया. रपटों के अनुसार इस मुद्दे पर विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने चिदंबरम का साथ दिया. भारत व आसियान ने वस्तुओं में मुक्त व्यापार समझौता 2011 में लागू किया था. दोनों पक्ष अब इसमें सेवा व निवेश को शामिल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं.