नयी दिल्ली: भाजपा ने इस सुझाव को ‘‘आरोपी के अनुकूल’’ बता कर आज खारिज कर दिया कि तरुण तेजपाल मामले की पीड़िता आपराधिक जांच के लिए ना जाकर तहलका द्वारा आंतरिक जांच के विकल्प को अपना सकती हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों विकल्पों को एक-दूसरे का पूरक होना चाहिए ना कि एक-दूसरे का विकल्प. […]
नयी दिल्ली: भाजपा ने इस सुझाव को ‘‘आरोपी के अनुकूल’’ बता कर आज खारिज कर दिया कि तरुण तेजपाल मामले की पीड़िता आपराधिक जांच के लिए ना जाकर तहलका द्वारा आंतरिक जांच के विकल्प को अपना सकती हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों विकल्पों को एक-दूसरे का पूरक होना चाहिए ना कि एक-दूसरे का विकल्प.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा मे नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस मामले में जारी बयान में कहा कि सबको पीड़ित युवती को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह ‘‘वास्तविक और ईमानदार गवाही’’ दे, क्योंकि मुजरिम को दंडित करना समाज के व्यापक हित में होगा.तेजपाल मामले में विभिन्न समाचार चैनलों में चल रही बहस के संदर्भ में जेटली ने कहा, यह दुखद है कि कुछ प्रतिभागियों ने आरोपी को निकल बचने के सुझाव सुझाए हैं. ऐसे लोगों का तर्क है कि पीडिता को यह चुनने की स्वतंत्रता है कि वह अपनी शिकायत को तहलका प्रतिष्ठान में आंतरिक जांच में आगे बढ़ाना चाहती है या आपराधिक जांच चाहती है.
तहलका ने अपनी एक पत्रकार के उस आरोप की जांच के लिए समिति गठित की है कि उसके संपादक तरुण तेजपाल ने गोवा में एक पखवाड़े पहले उसका कथित यौन उत्पीड़न किया.जेटली ने कहा कि दण्डनीय अपराध केवल एक पीडित के प्रति ही अपराध नहीं है बल्कि वह पूरे समाज के प्रति अपराध होता है.अपने तर्क को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि प्रशासन आपराधिक मामलों की कार्रवाई को आगे बढ़ाता है. अपराधी को दंडित करना व्यापक सार्वजनिक हित में है. विभागीय या आंतरिक जांच और आपराधिक मुकदमे एक दूसरे के पूरक हैं. वे एक-दूसरे का विकल्प नहीं हैं.’’